विदेश,न्यूज़ धमाका :-कराची यूनिवर्सिटी में आत्मघाती हमला करने वाली फिदायीन खातून के शौहर को अपनी बीवी की इस करतूत पर फख्र है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने 30 वर्षीय शारी बलूच को ‘बलूच राष्ट्र की पहली महिला फिदायी बनकर’ बलूच इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने के लिए मानते हुए एक विस्तृत बयान जारी किया है।
अफगानिस्तान के पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कराची विश्वविद्यालय में मंगलवार को तीन चीनी नागरिकों की हत्या करने वाले 30 वर्षीय शैरी बलूच के पति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी के ‘कृत्य’ पर नाज़ जताते हुए एक ट्वीट पोस्ट किया है।
कराची आत्मघाती हमलावर के पति बशीर बलूच ने इसमें कहा है कि, “शरी जान, आपके काम ने मुझे अवाक कर दिया है लेकिन मैं भी आज फख्र के साथ मुस्कुरा रहा हूं। महरोच और मीर हसन बहुत फख्रमंद इंसान बनेंगे यह सोचकर कि उनकी मां कितनी महान खातून थीं। आप हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने रहेंगे। बलूच लिबरेशन आर्मी ने हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसे पहली महिला ‘फिदायी’ ने अंजाम दिया था।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की ओर से जारी विस्तृत बयान के मुताबिक शैरी बलूच उर्फ ब्रम्श नजर अबाद तुर्बत की रहने वाली थी। 30 वर्षीय शैरी जूलॉजी में उच्च शिक्षित थी और एमफिल कर रही थी। बीएलए के एक कथित बयान में कहा गया है, “वह एक माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के रूप में भी काम कर रही थी।
पति दंत चिकित्सक, पिता सरकारी कर्मचारी
बयान में कहा गया, उन्होंने बलूच राष्ट्र की पहली महिला फिदायी बनकर बलूच प्रतिरोध इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा। खबरों के मुताबिक, शारी बलूच के परिवार में उनके पति और दो बच्चे हैं- आठ साल का महरोश और चार साल का मीर हसन। उनके पति को दंत चिकित्सक बताया जाता है। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे। पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख ने टिप्पणी की, “यह परिवार अच्छी तरह से शिक्षित है और हथियारों से उसका कोई संबंध नहीं था। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया ने शैरी के कृत्य को उसकी शिक्षा और उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखते हुए आश्चर्यजनक बताया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, शैरी ने ऑपरेशन से लगभग 10 घंटे पहले अपने ट्विटर अकाउंट पर एक अलविदा संदेश पोस्ट किया था।