भूपालपाणी रानी पोखरी पुल भी बह गया
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की और तबाही के बारे में जानकारी हासिल की. मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गयी है. मौसम विभाग के देहरादून स्थित कार्यालय ने बताया कि पंतनगर में 18 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच 403.2 mm बारिश हुई जो अब तक का रिकॉर्ड है. इससे पहले 31 साल पहले पंतनगर में सबसे ज्यादा 228 mm बारिश 10 जुलाई, 1990 को हुई थी. मुक्तेश्वर में भी 18 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच रिकॉर्ड 340.8 mm बारिश रिकॉर्ड की गयी. इससे पहले 107 साल पहले 18 सितम्बर ,1914 को सबसे ज्यादा 254.5 mm बारिश हुई थी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी – पीएम और गृह मंत्री को राज्य की मौजूदा स्थिति से अवगत करा दिया गया है. कई जगह मकान, पुल आदि क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बचाव कार्य के लिए तीन हेलीकॉप्टर तैनात किये गए हैं
उत्तराखंड में रिकॉर्ड बारिश की वजह से कई इलाकों को भयावह बाढ़ का कहर झेलना पड़ा है. इस त्रासदी में 34 लोग मारे गए हैं और कई अब भी लापता हैं. मौसम विभाग के मुताबिक 18 अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच कुमाऊं क्षेत्र में इतिहास की सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गयी है. चम्पावत ज़िले में जलस्तर के बढ़ने से एक निर्माणाधीन ब्रिज बह गया जबकि कई इलाकों में सड़कें और रेल लाइन टूट गयी. जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास नैनीताल में एक हाथी के बाढ़ में फंसे की तस्वीर सामने आयी. मुक्तेश्वर और नैनीताल के खैरना इलाके में घर ढह जाने से 7 लोगों की मौत हुई है. नैनीताल शहर झील का पानी बाहर आ जाने की वजह से आस पास के इलाकों से कट गया है
नैनी झील का पानी सड़कों और घरों तक पहुंचा, पहले नहीं देखा होगा ऐसा नजारा नैनीताल में तो ऐसा नजारा देखने को मिला कि पहले कभी नहीं देखा होगा. लगातार हो रही बारिश के कारण नैनी झील का पानी इतना बढ़ गया कि सड़कों और घरों तक पहुंच गया. रास्ते बंद हो गए हैं. बिजली गुल है. लोगों से घरों के भीतर रहने की अपील की गई है