रहस्य रंग बदलने का ये है कारण –
गिरगिट जैसे हीरे सबसे पहले 1866 में हीरा व्यापारी जॉर्जेस हाल्फेन ने खोजे थे. वैज्ञानिक अब तक पूरी तरह से ये नहीं समझ पाए हैं कि हीरा रंग क्यों बदलता है. कई हीरे 200 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा के तापमान पर या 24 घंटे से ज्यादा अंधेरे में रखे जाने पर रंग बदलते पाए गए हैं. हालांकि, पॉल जॉनसन का मानना है कि ठंडा करने पर हीरे का रंग इसलिए बदलता है क्योंकि इलेक्ट्रिक चार्ज हीरे में मौजूद मिलावटी कणों के करीब आता है या दूर जाता है.
काफी ज्यादा हो सकती है कीमत
ग्राहकों को दुर्लभता पसंद है, इस वजह से हीरे की कीमत भी बढ़ जाती है. खोजे गए इस हीरे की खासियत ये है कि यह हाथों में आने पर रंग नहीं बदलता है, बल्कि जब एक निश्चित तापमान में पहुंच जाता तो इसका रंग बदलने लगता है. यह तरल नाइट्रोजन के तापमान -320°F (-196°C) तक ठंडा होने पर ही रंग बदलता है. उन्होंने कहा कि नया हीरा बेहद मूल्यवान हो सकता है.
कैलिफोर्निया के जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका की स्टेफनी पर्सॉड ने इस की खोज की है . अभी यह साफ नहीं है कि इस हीरे की कीमत कितनी है. ये हीरा -196 डिग्री सेल्सियस जितने तापमान में रंग बदलता है. पर्सॉड को इस हीरे का पता तब चला जब वो ग्राहकों के लिए हीरे की रेटिंग कर रही थी. ग्राहकों को दुर्लभता पसंद है, इस वजह से हीरे की कीमत भी बढ़ जाती है.