कोरोना महामारी का कहर जारी है। इस साल जनवरी में भारतीय वैज्ञानिकों ने भी इसकी वैक्सीन तैयार कर ली, जिसकी दो-दो डोज जनता को दी जा रही है। इस बीच एक और टेंशन वाली खबर सामने आई है, जहां केरल में निपाह वायरस के कुछ केस मिले हैं। साथ ही एक 12 साल के बच्चे की मौत भी हुई। इस वायरस का कोई ठोस इलाज नहीं है, जिससे हालात बिगड़ने की आशंका जताई जा रही हैमामले में दिल्ली एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आशुतोष विश्वास ने कहा कि हमारे पास विशिष्ट उपचार नहीं है। फ्रूट बैट (चमगादड़) एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाते हैं। अगर वे अन्य स्थानों के लिए उड़ान भरते हैं, तो स्वाभाविक रूप से ये वायरस फैल सकता है। ऐसे में सिर्फ सावधानी ही इसका एकमात्र इलाज है।
कोरोना से ज्यादा खतरनाक वायरस
एक्सपर्ट के मुताबिक निपाह वायरस कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। ये एक जूनोटिक वायरस है, जिसका मतलब है कि ये जानवरों से इंसानों में फैलता है। रिसर्च के मुताबिक जब कोई फ्रूट बैट फल को खाता है, तो वो उसे संक्रमित कर देता है। इसके बाद अगर इंसान खाता है, तो वो संक्रमित हो जाता है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, जिस वजह से मरीज की मौत भी हो सकती है। इसकी दवा के साथ वैक्सीन पर काम तो चल रहा है, लेकिन अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली।