अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना दोगला रवैया दिखा दिया है।सिख समुदाय के अफगानिस्तान में रहने पर संकट मंडरा गया है सत्ता पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने मान्यता पाने के लिए सभी धर्मों को साथ लेकर चलने का दावा किया था। लेकिन अब अल्पसंख्यकों के लिए वहां सुरक्षा हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।तालिबान ने सिखों को आदेश दिया है कि वे इस्लाम ग्रहण कर सुन्नी मुस्लिम बन जाएं या देश छोड़कर चले जाएं। (IFFRAS) की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सिखों को सुन्नी इस्लाम कबूल करना होगा नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा। तालिबानी सरकार कभी भी देश में विविधता को बढ़ावा नहीं देगी।रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि ऐसे में देश में अल्पसंख्यकों के नरसंहार का खतरा मंडरा रहा है। तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद देश में दहशत का माहौल बना हुआ है।
सिख समुदाय अफगानिस्तान में सदियों से रह रहा है, लेकिन पिछले कई दशकों से अफगान सरकार ने उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी हैं। उन्हें रहने के लिए घर तक मुहैया नहीं कराए गए। 26 मार्च 2020 को काबुल के गुरुद्वारे में तालिबानियों गोलियां चलाएं जाने के बाद अधिकतर सिख भारत के लिए रवाना हो गए हैं।