आज से लगभग चार साल पूर्व यूपी के चार गांजा तस्कर जगदलपुर से रायपुर की ओर कार से जा रहे थे, पुलिस के रोकने पर तेजी से कार चलाते हुये कई किमी भाग निकले। जिसे पुलिस ने दौडा कर केषकाल घाटी में मोड क्रमांक 10 पर जा कर पकडा। कार रूकते ही चालक कार से निकल कर जंगलों की ओर भागा जिसे नाकाबंदी करके पुलिस ने धर दबोचा था। पूरी ष्कानूनी प्रंक्रिया के बाद इन चारों को आज न्यायालय से 10 साल कैद व मस्सकत की सजा सुनायी गयी है।
लोक अभियोजक ने बताया ये – इस प्रकरण में शासन की ओर से दिलीप जैन, लोक अभियोजक ने पैरवी की। प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि 24 जून 2017 को विवेचक हमराह स्टाफ के साथ शासकीय वाहन में टाउन पेट्रोलिंग पर रवाना होकर एनएच 30 पर रोड पेट्रोलिंग करते हुए बोरगांव की ओर जा रहे थे । पेट्रोलिंग गाडी को कांकेर की ओर मोडते समय एक सिल्वर रंग की हुण्डई एसेन्ट कार क्रमांक डीएल 02 सीडब्लू 1230 तेज गति से जगदलपुर से कांकेर की ओर सामने से गुजरी जिस पर विवेचक को संदेह होने पर उक्त कार का पीछा किया गया एवं बार-बार एसेन्ट कार को ओवरटेक कर रूकवाने का प्रयास किया किंतु कार चालक पुलिस पेट्रोलिंग गाडी को देखकर और तेल गति से कार चलाने लगा । केषकाल घाटी मोड क्र. 10 में एसेन्ट कार को रोका गया तो कार चालक गेट खोलकर घाटी में जंगल की ओर भागने लगा जिसका पीछा विवेचक के कहने पर हमराह स्टान ने किया ।
सभी चारों आरोपियों के विरूद्ध हुयी कार्यवाही – विवेचक ने शेष आरक्षक के साथ एसेन्ट कार में बैठे तीन अन्य व्यक्ति को बाहर आने को कहा जिस पर वे तीनों बाहर आये । पूछताछ में अपना नाम आरोपी इष्हाक, मोहम्मद इम्तियाज, बिल्लु होना व कार से भागे व्यक्ति का नाम ताजू उर्फ पप्पी निवासी गाजियाबाद होना व कार में अवैध गांजा भरकर जयपुर उडीसा से दिल्ली ले जाना बताया ।
77 किलो से अधिक गांजा हुआ बरामद – कुल 14 पैकेट बरामद हुआ तौल करने पर कुल वजन 77.470 किलोग्राम पाया गया जिसे गवाहों के समक्ष जप्त किया गया । इसके पश्चात आरोपीगण के कब्जे से एसेन्ट कार, चार नग मोबाईल जप्त कर जप्ती पंचनामा तैयार किया गया।
एक लाख जुर्माना के साथ 10 साल की कारावास की सजा – कोण्डागांव जिले के विषेष सत्र न्यायाधीश(एन.डी.पी.एस. एक्ट) कोण्डागंाव के न्यायाधीश सुरेष कुमार सोनी ने प्रकरण का विचारण कर आरोपी बिल्लू को धारा 20 (ख) (2-स) स्वापक औषधी एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के आरोप में दस वर्ष के सश्रम करावास एवं रूपये 1,00,000.00/- मात्र के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है । अर्थदण्ड की राशि अदा होने के व्यतिक्रम पर 01 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतना होगा ।