Raipur Local Edit: सुकमा में 60 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए विकास की उम्मीद में 24 नक्सलियों का सोमवार को किया आत्समर्पण।Publish Date: | Tue, 24 Aug 2021 02:52 PM (IST)
Raipur Local Edit: रायपुर। सुकमा में जंगल और पहाड़ों के बीच के गांव से 60 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हुए विकास की उम्मीद में 24 नक्सलियों का सोमवार को किया गया आत्मसमर्पण भविष्य की संभावनाओं का प्रमाण है। सौ ग्रामीणों के साथ आए नक्सलियों के लिए पुलिस प्रशासन ने सूचना मिलने पर शहर से तीस किलोमीटर पहले वाहन की विशेष व्यवस्था करके सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हाथ बढ़ाया। सड़क, बिजली और पानी की मूलभूत सुविधा मांगने आए ग्रामीण नक्सलियों के दबाव में उनके लिए काम करने की बात स्वीकारते हैं तो व्यवस्था के लिए चुनौती बढ़ जाती है। लोगों तक मौलिक सुविधाओं के विस्तार में देरी भटकाव का कारण बन रही है।चिंतलनार थाना क्षेत्र के नागाराम पंचायत स्थित रोतापल्ली गांव में चिकित्सा और शिक्षा की सुविधा भी अभी तक नहीं पहुंची है। प्राकृतिक और खनिज संसाधनों से भरपूर बस्तर को नक्सलियों ने इन्हीं संपदाओं का दोहन करने के लिए अपना गढ़ बनाया है। अंग्रेजों ने जिस तरह से क्षेत्र के लोगों और संपदाओं का दोहन और शोषण किया, उसी तरह अब नक्सली कर रहे हैं। वनोपजों से लेकर विकास कार्यों तक में लेवी वसूल रहे हैं। जो ग्रामीण उनका सहयोग नहीं करते, उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है। तालिबानियों का जिस तरह का कारनामा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाई दे रहा है, नक्सली भी उसी तरह जन पंचायत बुलाकर सजा देते रहे हैं।
ऐसे क्रूर नक्सलियों के खिलाफ क्षेत्र के ग्रामीणों का आगे आना शासन व्यवस्था के प्रति लोगों में विकसित हो रहे उम्मीद के भाव ही हैं। सीआरपीएफ के डीआइजी योग्यान सिंह और सुकमा के एसपी सुनील शर्मा ने भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में लाने के प्रति जो सक्रियता दिखाई है, उसे विकास के रूप में अंजाम तक पहुंचाना होगा। क्षेत्र से जुड़े लोग जानते हैं कि ग्रामीणों ने कितनी बड़ी चुनौती स्वीकार की है। नक्सलियों का दल जब फोर्स कैंप पर धावा बोलने में नहीं चूकता, हथियारबंद जवानों को घेरकर हमला बोल देता है, तब बिना हथियार जंगली क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण लोगों द्वारा 24 नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराया जाना अदम्य साहस का काम है।