लखनऊ Presidential Train। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार को चार दिनों की उत्तर प्रदेश यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद Presidential train से प्रदेश की यात्रा करेंगे और सुरक्षा के लिहाज से कई ट्रेनों का रूट भी बदला गया है। मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति आज लखनऊ आ रहे हैं।
ऐसा है राष्ट्रपति का चार दिन का कार्यक्रम
पहला दिन
आज शाम को 4.50 बजे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगे। इसके बाद शुक्रवार को एसजीपीजीआई के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेंगे।
दूसरा दिन
28 अगस्त को गोरखपुर में गुरु गोरक्षनाथ उत्तर प्रदेश राज्य आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास और गोरक्षपीठ की ओर से बने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के बाद लखनऊ लौटेंगे।
तीसरा दिन
29 अगस्त को सुबह 9 बजे Presidential train से अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन करेंगे।
चौथा दिन
30 अगस्त को राष्ट्रपति का उत्तर प्रदेश में कोई कार्यक्रम नहीं है। राष्ट्रपति स्पेशल Presidential train से दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
Presidential train के कारण 8 ट्रेनों के बदलेंगे रूट
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के चार दिनी उत्तर प्रदेश दौरे के कारण Presidential train की सुरक्षा के लिए कई ट्रेनों के रूट बदले जाएंगे। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के अधिकारियों ने बताया कि Presidential train की सुरक्षा के कारण 29 अगस्त को अयोध्या से लखनऊ रूट के बजाय सुल्तानपुर के रास्ते चलाया जाएगा। साथ ही चारबाग रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को पार्सल घर की ओर से एंट्री दी जाएगी, जहां से वह सीधे प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंचेंगे। कई ट्रेनों के रूट बदलने का फैसला डीआरएम स्तर पर 28 अगस्त को होगा। राष्ट्रपति की Presidential train जब लखनऊ से अयोध्या के बीच होगी, तब हावड़ा-जम्मूतवी एक्सप्रेस, अयोध्या फैजाबाद, हावड़ा अमृतसर, फैजाबाद एलटीटी सहित करीब 8 ट्रेनों के रूट बदले जाएंगे।
जानिए क्या होती है Presidential train, ऐसा है इतिहास
Presidential train को साल 1956 में तैयार किया गया था – Presidential train को साल 1956 में तैयार किया गया था, जिसका काम राष्ट्रपति को देश के दौरे पर ले जाना होता है। Presidential train के रखरखाव में भारी खर्च आता था, इसलिए इस ट्रेन को रेल म्यूजियम में भेज दिया गया था। पिछली बार साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम आजाद ने दिल्ली से देहरादून के लिए यात्रा Presidential train की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने Presidential train के लिए किए जाने वाले खर्चों को अनावश्यक बताया था और इसे एक बार फिर रेल म्यूजियम में भेज दिया गया था। राष्ट्रपति ने कहा था कि अब ऐसे ट्रेन सैलून की जरूरत नहीं है। इसके बाद राष्ट्रपति की रेल यात्रा के लिए रेल मंत्रालय ने एक विशेष ट्रेन का प्रबंध किया है, जिसे ही अब Presidential train जैसा कहा जाने लगा है।