रायपुर,न्यूज़धमाका:- रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) के प्रोजेक्ट कमल विहार के सेक्टर-1 में लोगों ने मकान बनाना शुरू कर दिया है, लेकिन बिजली अभी तक नहीं पहुंच पाई है। इसकी वजह से लोगों को अस्थायी कनेक्शन लेना पड़ रहा है। आरडीए ने 10 साल पहले कमल विहार प्रोजेक्ट की पेशकश की थी। भूमिगत बिजली, पानी और नाली का वादा करने के बाद भी यहां आम लोगों को सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है।
यही कारण है कि कमल विहार के कई सेक्टरों में तार का जंजाल देखा जा सकता है। सेक्टर-1 के अलावा अन्य सेक्टरों में भी इस प्रकार की समस्या देखी जा सकती है। कमल विहार के सेक्टर-1 में लंबे समय अव्यवस्थाएं कायम है। कमल विहार में कुल 15 सेक्टर हैं,जिसमें अलग-अलग गार्डन का प्रावधान हैं। यह भी वर्तमान में नजर नहीं आ रहा है। 1600 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट में आरडीए और रहवासियों को मिलाकर लगभग 900 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। इसके बाद भी लोगों को यहां पानी,मूलभूल सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि कमल विहार प्रोजेक्ट में अंडरग्राउंड वायरिंग का बुरा हाल है। यहां बिजली के तारों का जंजाल सामान्य कॉलोनियों की तरह है।
कमल विहार प्रोजेक्ट में 2019 में रोक लग चुकी थी। पर्यावरणीय स्वीकृति के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की आपत्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद आरडीए ने इस पर दस्तावेज प्रस्तुत किया। कमल विहार में रहवासियों ने यह आपत्ति जताई है कि जितने वादे आरडीए ने किया था, उस वादे को पूरा नहीं किया गया।