दिल्ली न्यूज़ धमाका // देश के नागरिकों के आधार कार्ड की तरह अब आपकी जमीनों का भी आधार नंबरजारी किया जायेगा. केंद्र सरकार इसकी तैयारी कर रही है. बताया जा रहा है कि वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन यानी एक राष्ट्र एक पंजीकरण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार जमीनों के लिए विशिष्ट पंजीकरण संख्या जारी करेगी.
इसके लिए IP बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. जमीनों के कागज की मदद से उनके रिकॉर्ड को डिजिटली रिकॉर्ड रखा जाएगा.
आईपी बेस्ड टेक्नोलॉजी की मदद लेगी सरकार
मंगलवार को संसद में पेश किये गये आम बजट 2022 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि अब देश की जमीनों का भी डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा. आईपी बेस्ड टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसा किया जायेगा. निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मार्च 2023 तक देश भर में जमीन के रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन का लक्ष्य सरकार ने रखा है. उन्होंने कहा है कि जमीनों के कागजात के आधार पर ही डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा.
डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के होंगे कई फायदे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि लैंड रिकॉर्ड को डिजिटाइज किये जाने के कई फायदे होंगे. बताया जा रहा है कि जमीनों को 3सी फॉर्मूले के तहत बांटा जायेगा, जिसका लाभ सभी लोगों को मिलेगा. बजट प्रस्ताव में कहा गया है कि इस कार्यक्रम से सारे रिकॉर्ड केंद्रीयकृत हो जायेंगे. एक क्लिक पर सारी जानकारी उपलब्ध हो जायेगी. सरकार ने जो कार्यक्रम तय किया है, उसके मुताबिक, अब आपकी जमीन का 14अंकों का एक यूएलपिन नंबर (ULPIN) यानी यूनिक नंबर जारी किया जायेगा.
खरीदने-बेचने में नहीं होगी दिक्कत
ULPIN नंबर के जरिए देश में कहीं भी जमीन खरीदने और बेचने में दिक्कत नहीं होगी. खरीदने और बेचने वाले की पूरी डिटेल सामने होंगे. अगर उस जमीन का आगे चलकर बंटवारा भी होता है तो उस जमीन का आधार नंबर अलग-अलग हो जाएगा. डिजिटल रिकॉर्ड होने की वजह से सबसे पहले जमीन के वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा. क्योंकि, जमीन की नपाई ड्रोन कैमरे से होगी, जिससे गलती की गुंजाइश न के बराबर होगी. डिजिटल रिकॉर्ड होने के बाद कोई भी व्यक्ति अपने शहर के कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर अपनी जमीन की जानकारी ले सकेगा. मौजूदा समय में देश में 140 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर खेती हो रही है. 125 मिलियन हेक्टेयर जमीन को ठीक किया जा रहा है.
एक क्लिक में देख पायेंगे लैंड रिकॉर्ड
डिजिटल रिकॉर्ड तैयार हो जाने के बाद जमीन का रिकॉर्ड देखने के लिए भूमि एवं राजस्व विभाग के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. अपने आसपास के कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन की जानकारी ले सकेगा. मौजूदा समय में देश में 140 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर खेती हो रही है. 125 मिलियन हेक्टेयर जमीन को ठीक किया जा रहा है.
2023 तक देश का लैंड रिकॉर्ड होगा डिजिटल
केंद्र सरकार का लक्ष्य 2023 तक देशभर से लैंड रिकॉर्ड को डिजिटल करने का है. मार्च 2023 तक पूरे देश में जमीन का रिकॉर्ड डिजिटल करने का लक्ष्य रखा गया है. आने वाले दिनों में महज एक क्लिक पर आपके जमीन से संबंधित दस्तावेज आपके सामने होंगे. देश में कहीं भी किसी भी जगह पर आप अपनी जमीन से संबंधित जानकारी हासिल कर सकेंगे.