जिला कोण्डागांव में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी भापुसे के निर्देशन में तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कोण्डागांव निमितेश सिंह के मार्ग दर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक अर्चना धुरन्धर एवं टीम के द्वारा 11 साल के मासूूम बच्चे का फिल्मी तरीके से अपहरण एवं फिरौती की मांग करने वाले सभी आरोपियों को कोण्डागांव पुलिस ने किया गिरफ्तार।
सायं 6 बजे किया गया था नाबालिक का अपहरण – कल 16 अगसत को प्रार्थी कुमारी राजेश्वरी सेठिया उर्फ रिंकी सेठिया पिता बृजलाल सेठिया उम्र 22 वर्ष निवासी सोनाबाल बांधापारा ने थाना कोण्डागांव में लिखित रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका भाई चन्द्रप्रकाश सेठिया उम्र 11 वर्ष का है चन्द्रप्रकाश 16 अगस्त को शाम 5.00 बजे घर से सायकल लेकर निकला था जो घर वापस नहीं आया। परिजन चन्द्रप्रकाश का गांव में पता तलाश कर रहे थे कि करीबन 09.07 बजे प्रार्थिया के मोबाईल नम्बर पर किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया।
30 लाख रूपये देना, नही ंतो तेरे भाई का मर्डर कर देगंे – बहन को फोन पर अपहरण कर्ताओं ने बोला कि तेरा भाई मेरे पास है, पापा को बोलो 3000000/- रूपये तीस लाख रू का इंतजाम करें और पुलिस को मत बताना, नही तो तुम्हारे भाई का मर्डर कर देगे। प्रार्थिया के रिपोर्ट पर थाना कोण्डागांव में अपराध क्रमांक 296/2021 धारा 364-क भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया।
जबरदस्त ढंग से की गयी विवेचना – पुलिस ने बेहद तेजतर्रत तरीके से विवेचना की। अपहृत बालक की पता तलाश के लिये जिस मोबाईल नंबर से फोन आया था, पता तलाश कर धारक को तलब कर पूछताछ किया गया। जिसने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति को मोटर सायकल में लिफ्ट दिया था जो मेरे मोबाईल को किसी से बात करना है कहकर मांगने पर दिया था जो कुछ दूर जाकर बात किया था जो उक्त व्यक्ति को नही जानना बताया। इससे पुलिस का सुराग का रास्त बंद हो गया। पर बिना निराषा के तालष जारी रही। पुलिस द्वारा विवेचना दौरान विभिन्न पहलुओं पर बारीकी छानबीन रातभर चलती रही। चाचा के लडके पर ही हुआ षक – अपहृत के रिस्तेदार पर संदेह होने पर अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर विधि से संघर्षरत बालक ने अपने साथी धीरेन्द्र दास व अन्य 02 विधि से संघर्षरत बालक के साथ मिलकर अपहरण का प्लान बनाया था।
ऐसे किया अपहरण – प्लान के अनुसार 16 अगस्त के शाम 05.00 लगभग अपहृत बालक चन्द्रप्रकाश सायकल के साथ तालाब के पास खडा था। जिसे सरोज सेठिया मुझे आगे तक छोड दो बोलने पर अपहृत बालक अपने सायकल से सरोज सेठिया को आरोपी बालको के पास लेकर गया। जहां नाबालिक आरोपी बालकों के मोटर सायकल से आरोपी तीनो बालको द्वारा अपहृत बालक के हाथ, आंख व मुंह को बांधकर मोटर सायकल में बैठाकर सघन वनांचल गा्रम किवई बालेंगा ले गए। जहां धीरेन्द्र दास को अपहृत बालक को छिपाकर रखने के लिए दिए।
रातभर भूखा रहा अपहृत नाबालिक बालक – धीरेन्द्र दास ने भूखें प्यासे जंगल के लाडी में पूरे रात भर रखा गय। व तीनो विधि से संघर्षरत बालक वापस कोण्डागांव आए। और प्लान के अनुसार अपहृत बालक का रिस्तेदार नाबालिक बालक ने अंजान व्यक्ति से लिफ्ट ले कर तीन किमी दूर जाने के बाद मेरा मोबाईल में रिचार्ज नहीं है , कह कर मोटर सायकल को रोका कर उसे मोबाईल मांग कर अपहृत बालक के बहन राजेश्वरी के मोबाईल पर फोन कर 30,00,000/- रूपये का मांग की व किसी को बताने पर बच्चे को जान से मारने देने की धमकी दी। इस बात की भनक मोबाईल वाले युवक को भी नहीं लगी।
रातभर पुलिस ने आरोपियों का किया पीछा – रातभर पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया और सुबह लगभग नौ दस बजे जंगल की पहाडियों पर से बालक का बरामद किया। आरोपियों को पुलिस की भनक लगने पर वह बालक को जंगल की पहाडियों पर अकेला छोड कर भाग खडे हुये। जिसे पुलिस दल ने बरामद किया। भूखे प्यासे नाबालिक बालक खाने पीने का सामान दिया।
एसपी ने थपथपाई ऑपरेषन में सामिल टीम की पीठ – पुलिस द्वारा लगातार पता साजी, प्राप्त जानकारी के अनुसार घेराबंदी कर नक्सल प्रभावित क्षेत्र किवई बालेंगा में रेड की कार्यवाही करते हुए प्रकरण मे शामिल सभी आरोपीगण सरोज सेठिया पिता इन्द्रदेव सेठिया उम्र 19 वर्ष, धीरज दास पिता अरूण दास उम्र 19 वर्ष व अन्य 03 विधि से संघर्षरत बालक को गिरफ्तार किया गया है व बालक को सकुशल बरामद किया गया।