सागर न्यूज़ सेमरा लहरिया हत्याकांड में आरोपियों का घर ढहा दिया गया है. इसके बाद से ब्राह्मण समाज में रोष हैं. समाज के लोगों ने इस कार्रवाई को गलत बताया और जमकर प्रदर्शन किया. इसी के साथ ब्राह्मण समाज ने प्रदेश सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है उन्होंने पूछा कि मकान गिराने का प्रावधान कब से कानून में शामिल हुआ? जब आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा जा चुका है तो फिर मकान क्यों गिराया गया. ब्राह्मण समाज शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह से इसलिए नाराज है क्योंकि उनका कहना था की मंत्री भूपेंद्र सिंह के कहने पर एकतरफा कार्रवाई हुई, उन्हीं के कहने पर आरोपियों का मकान गिराया गया है
जाने क्या था मामला
16 सितंबर की रात मृतक राहुल यादव गांव में ही रहने वाली युवती से मिलने के लिए उसके घर गया था. इसके बाद युवक आग से झुलसी अवस्था में मिला था. मामले में मृतक के परिवार वालों ने युवती के परिवार वालों पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने का आरोप लगाया था. युवती ने लड़के खिलाफ बयान दिए थे.वहीं, युवक ने अपने बयान में लड़की के पिता और भाई समेत अन्य रिश्तेदारों के नाम लिए थे जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज करते हुए युवती के पिता, भाई, ताऊ और एक रिश्तेदार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. 17 सितंबर को मृतक के परिजनों ने रोड जाम किया था. उनकी मांग थी कि जब तक आरोपियों का मकान नहीं गिराया जाएगा तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा इसी दौरान मंत्री भूपेंद्र सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र लौट रहे थे तो भीड़ ने उनका काफिला रोक लिया और अपनी मांगें मंत्री के सामने रखीं, जब मंत्री भूपेंद्र सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस निर्मम हत्या में पीड़ित पक्ष के द्वारा आरोपियों का मकान गिराने की जो मांग की जा रही है वो सही है. इसके अलावा वो मुख्यमंत्री से चर्चा कर गरीब परिवार में किसी एक सदस्य को नौकरी दिलाने की मांग करेंगे