विदेश,न्यूज़ धमाका :- मंगल ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों की यह उम्मीद सही साबित होती जा रही है कि इस लाल ग्रह पर कभी प्रचुर मात्रा में पानी मौजूद था। अब ताजा शोध में भी खगोल वैज्ञानिकों को पता चला है कि मंगल ग्रह पर पानी मौजूद था। हाल ही में मंगल ग्रह पर सूखी हुई झील के साक्ष्य भी मिले हैं, जिससे मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को बल मिला है।
मंगल पर सूखी झील होने के सबूत चीन के जुरोंग रोवर ने खोजे हैं। रोवर को ऐसे सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि मंगल ग्रह पर पानी पहले के अनुमान से अधिक समय तक मौजूद था। आपको बता दें कि जुरोंग रोवर 15 मई 2021 को मंगल के उत्तरी गोलार्ध में उतरा था। जुरोंग रोवर को एक मैदान में लैंड कराया गया था, जिसे ‘यूटोपिया प्लैनिटिया’ के नाम से जाना जाता है।
1976 में उतरा था नासा का वाइकिंग-2 लैंडर
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का वाइकिंग 2 लैंडर भी 1976 में मंगल ग्रह पर यूटोपिया प्लैनिटिया पर ही उतरा था। चीनी रोवर का शुरुआती मिशन मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के सबूत खोजना था। रोवर बीते कई महीनों से खनिजों, मंगल ग्रह के पर्यावरण और मैदान में फैले पानी और बर्फ के विशाल क्षेत्र की जांच कर रहा था। चीन के जुरोंग रोवर ने मंगल ग्रह की लैंडिंग साइट की जांच करने के बाद आंकड़े जुटाए।
3 अरब साल पहले शुरु हुआ बुरा समय
चीनी रोवर के डेटा से पता चलता है कि यूटोपिया प्लैनिटिया इलाके में पानी मौजूद था। वैज्ञानिकों का मानना है कि अरबों साल पहले मंगल एक गर्म और पानी से भरपूर ग्रह था लेकिन धीरे-धीरे ये ग्रह बर्फीले रेगिस्तान में बदल गया। जिस समय मंगल ग्रह पर पर्यावरण के लिहाज से बुरा समय शुरू हुआ था, उस युग को ‘अमेजोनियन युग’ कहा जाता है, जो करीब 3 अरब साल पहले का समय है।
खगोल वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर बेसिन में पाए जाने वाले खनिजों के बारे में जुरोंग डेटा का विश्लेषण किया। वैज्ञानिकों को संग्रहित किए गए डाटा में हाइड्रेटेड सिलिका और सल्फेट्स भी मिले हैं। शोध के प्रमुख लेखक यांग ने कहा कि हमें लैंडिंग साइट पर हाइड्रेटेड खनिज मिले। ये हाइड्रेटेड खनिज मंगल ग्रह पर पानी होने के सबूत देते हैं।