रायपुर न्यूज़ धमाका /// राजधानी रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल में पिछले नौ दिनों से ओपीडी और नियमित ओटी सेवा का बहिष्कार करने वाले जूनियर डाॅक्टरों ने सोमवार से इमरजेंसी ड्यूटी नहीं करने का फैसला भी लिया है। देशभर में अटकी पीजी काउंसिलिंग को प्रारंभ कराने के लिए देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी और नियमित ऑपरेशन थियेटर में सेवा देने इनकार कर दिया था। राष्ट्रीय संगठन फ्रोडा के समर्थन में रायपुर मेडिकल काॅलेज के पीजी डॉक्टरों ने अपना काम बंद कर रखा है।
उनकी ओपीडी सेवा बाधित करने की वजह से दूरदराज से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल काॅलेज की ओर से सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, मगर व्यवस्था पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई है और कई मरीजों को दिनभर इंतजार के बाद समय खत्म होने की वजह से बिना जांच और इलाज के वापस लौटना पड़ रहा है।
सोमवार से उन्हें और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। जूनियर डाॅक्टर एसोसिएशन ने सोमवार से अपनी इमरजेंसी सेवा बंद करने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि नया बैच नहीं मिलने की वजह से सीमित रेजीडेंट डॉक्टर पर काम का दबाव बढ़ गया है, जिसके कारण वे मानसिक रूप से थक चुके हैं। इसी तरह मेडिकल पीजी में प्रवेश नहीं होने की वजह से एमडी-एमएस के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में पिछड़ गए हैं।
मेडिकल काॅलेज की पीजी सीटों पर इस बार प्रवेश के लिए नीट की परीक्षा देर से आयोजित हुई। परीक्षा के बाद तत्काल काउंसिलिंग की तारीख घोषित नहीं हुई। इसी बीच केंद्र सरकार द्वारा ईडब्लूएस के 10 और ओबीसी को प्रवेश में 27 प्रतिशत आरक्षण देने लागू किए जा रहे नए नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई। नवंबर माह में दिवाली का अवकाश फिर अन्य दिक्कत की वजह से मामले की सुनवाई की तारीख 16 जनवरी को दी गई। सुनवाई जल्दी पूरी कर प्रवेश देने की मांग पर देशभर के जूनियर रेजिडेंट ने 27 नवंबर से हड़ताल की घोषणा कर दी थी।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. प्रेम चौधरी ने बताया कि सोमवार से इमरजेंसी बंद करने की जानकारी पहले ही काॅलेज अधिष्ठाता तथा चिकित्सा अधीक्षक को दी गई है। नया बैच नहीं आने की वजह से रेजिडेंट डॉक्टर 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ मेकाहारा में काम कर रहे हैं। उनकी मांगों को चिकित्सकों के सबसे बड़े संगठन आईएमए तथा चिकित्सा शिक्षक संघ ने भी समर्थन दिया है।