स्वास्थ्य विभाग द्वारा एम्स रायपुर में बालिका की कराई गई जांच। पैरों से रंगोली बना कर प्रथम स्थान हासिल करने के बाद छात्रा राजेश्वरी को मिल रहा सतत सहयोग।
सोमवार को रायपुर में बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत् कर्मयोगिनी सम्मान कार्यक्रम समारोह आयोजित किया गया। जहां राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके द्वारा राज्य की प्रतिभावान बालिकाओं को कर्मयोगिनी सम्मान से सम्मानित किया गया। इस समारोह में कोण्डागांव की प्रतिभावान दिव्यांग राजेष्वरी भी पहंुची। जहां राज्यपाल द्वारा राजेष्वरी को कर्मयोगिनी सम्मान से सम्मानित किया गया। इस दौरान राज्यपाल द्वारा हाथों से काम ना कर पाने के बावजूद हिम्मत पूर्वक पैरों से ही सभी कार्य सम्पादित करने के लिए राजेश्वरी की सराहना की।
हरिभूमि ने प्रमुखता से किया था समाचार प्रकाशित – माध्यमिक शाला मसोरा बुडरापारा में अध्ययनरत् प्रतिभावान दिव्यांग बालिका द्वारा पैरो से रंगोली बनाकर रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम आने के संबंध में हरिभूमि द्वारा मुख्यता से प्रकाशित किया गया था। जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री भूपेष बघेल द्वारा बालिका को नई व्हील चेयर देने के साथ प्रशासन द्वारा हर संभव मदद के लिये कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा को निर्देषित किया गया था। जिस पर जिला प्रशासन द्वारा नई व्हील चेयर राजेष्वरी को देने के साथ उसकी स्वास्थ्य जांच कराई गई है। जिसमें डाॅक्टरो द्वारा राजेश्वरी के पैरो की सर्जरी द्वारा हालत बेहतर होने की संभावना जताई गई है।
ललिता लकड़ा उपसंचालक समाज कल्याण विभाग – समाज कल्याण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा राजेष्वरी को 21 अक्टूबर को रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ले जाकर स्वास्थ्य जांच कराई गई है। जिसमें डाॅक्टरों द्वारा सर्जरी की संभावना बताई गई। जिसके लिए जिला प्रषासन हर संभव मदद के लिये प्रयासरत है।
राजे के लिये बन रही है खास व्हीलचेयर – राजेश्वरी के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा सीपी व्हील चेयर बनवाया जा रहा है। इसमें अलग से टेबल जोड़ा जायेगा जिसके माध्यम से व्हील चेयर में बैठे बैठे पैरों के द्वारा अपने कार्य कर सकेंगी। राजेश्वरी के अनुसार चेयर निर्माण के लिए नाप भी रायपुर में ले ली गई है जल्द ही सीपी व्हील चेयर बना लिया जायेगा।
डाॅ सरज राठौर बीएमओ कोण्डागांव – राजेष्वरी की रायपुर में दो सिटिंग हो चुकी है। उसकी चार पांच सर्जरी होना है जो कि क्रमषः की जायेगी। राजेष्वरी को रायपुर छ सात बार ले जाना होगा। सर्जरी के बाद राजेष्वरी अपने कार्य खुद करने में काफी हद तक सक्षम हो जायेगी। प्रक्रिया जारी है।