रायपुर न्यूज़ धमाका /// छत्तीसगढ़ इंजीनियरिंग कालेजों में इस साल तीन चरण की काउंसिलिंग के बाद भी 11291 सीटों में से 7 हजार सीटों के खाली रह जाने की वजह से शासन ने इंजीनियरिंग प्रवेश में पीईटी की अनिवार्यता खत्म कर दी है। प्रदेश में साइंस विषय के साथ जो भी छात्र 12वीं में उत्तीर्ण होगा, उसे इन्हीं नंबरों के बेस पर इंजीनियरिंग और फार्मेसी कालेजों एडमिशन दे दिया जाएगा।
पीईटी में कम परीक्षार्थी शामिल होने के बाद से ही यह आशंका थी कि इस बार प्रवेश कम होंगे और काफी सीटें खाली रह सकती हैं। हुआ भी यही है, तीन चरण की काउंसिलिंग के बाद कालेज खाली रह गए हैं। अब तक इंजीनियरिंग कालेजों में केवल 4246 छात्रों ने प्रवेश लिया है। इसमें से भी सभी तीनों सरकारी इंजीनियरिंग कालेज तथा दो-तीन निजी कालेजों की सीटें ही ज्यादा भरी हैं। प्रदेश के 33 कालेजों (27 प्राइवेट) में से अधिकांश में 10 फीसदी सीटें भरी हैं, बाकी खाली रह गई हैं।
बदले हुए नियम के साथ 22 नवंबर से काउंसिलिंग फिर शुरू हो रही है। उस काउंसिलिंग में 12वीं पास छात्र मेरिट के आधार पर इंजीनियरिंग सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसा ही फार्मेसी काॅलेजों में प्रवेश के लिए भी होगा। पिछले साल कोरोना की वजह से जो हालात पैदा हुए थे, उस वजह से इंजीनियरिंग कालेजों में 12वीं पास छात्रों को प्रवेश दे दिया गया था। इस साल कोरोना की स्थिति नहीं है, फिर भी इंजीनियरिंग सीटें बड़ी संख्या में खाली रह गईं, इसलिए तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने प्रवेश का नियम ही बदल दिया।
नए नियम के तहत सीटें भरने के लिए अब स्पॉट काउंसिलिंग की तैयारी की जा रही है। तकनीकी शिक्षा संचालनालय ने इसके लिए आवेदन मंगवाए हैं। वहीं से मेरिट लिस्ट सीधे कालेजों को दी जाएगी। इसके अनुसार कॉलेज स्पॉट काउंसिलिंग कर प्रवेश देंगे। नए नियम के तहत कालेज मेरिट सूची तथा बारहवीं साइंस के आधार पर एडमिशन देंगे। इस साल प्रदेश में प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट हुए थे जिसमें करीब साढ़े 10 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए।