भिलाई,न्यूज़ धमाका :- दुर्ग का मां चंडी मंदिर का इतिहास दुर्ग जिला गठन से भी पहले का है। दुर्ग जिले का निर्माण 1906 में हुआ और मां चंडी मंदिर का इतिहास करीब ढ़ाई सौ वर्ष पुराना है।
इस मंदिर की अपनी अलग ही महिमा है, लोगों की मान्यता है कि माता के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं लौटता। अपनी मनोकामना को लेकर हर साल दोनों नवरात्र पर्व में मनोकामना जोत प्रज्वलित कराते हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्र पर 25 सौ जोत जलेंगें।
दुर्ग के शिवपारा में चंडी मंदिर स्थित है। आदि शक्ती मां चंडी की पूजा व दर्शन के लिए दुर्ग शहर ही नहीं दूर दूर से लोग आते हैं। मां चंडी मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष महराज जय शर्मा ने बताया कि मंदिर में कभी न सुखने वाला चंडीका कुंड है, जिसमें बारहमास जल भरा रहता है।
यह कुंड ही मंदिर के प्राचीनतम होने का प्रमाण है। साथ ही यहां भैरव जी की प्राचीन प्रतिमा, मां दुर्गा, मां चंडी, मां अन्नापूर्णा और भगवान श्रीगणेश जी की नवीनतम प्रतिमाएं भी विराजित हैं।