विदेश,न्यूज़ धमाका :- वैज्ञानिकों को पहली बार मिली बड़ी सफलता इंसान चंद्रमा और मंगल ग्रह पर मानव बस्ती बसाने की योजना कर रहा है लेकिन सबसे बड़ी चुनौती पानी और खाद्य सामग्री की है। चंद्रयान-1 के जरिए भारत ने भले ही चंद्रमा पर पानी की खोज कर ली हो लेकिन अभी तक चंद्रमा की मिट्टी में पौधे उगाना वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती थी। अब वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की मिट्टी में पहली बार पौधे उगा कर बड़ी सफलता हासिल की है।
अंतरिक्ष यात्रियों और खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि लंबे समय तक चांद या अंतरिक्ष में रहना है तो चंद्रमा पर खेती करने की तकनीक विकसित करना जरूरी है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने चांद की मिट्टी में एक पौधा उगाने में सफलता पाई है। चंद्रमा की यह मिट्टी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अपोलो मिशन के दौरान धरती पर लाई गई थी। इसी मिट्टी में अब वैज्ञानिकों ने पौधा उगा कर दिखाया है।
वैज्ञानिकों को दिखी उम्मीद की किरण
अमेरिका में फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के रिसर्चर ने नासा के अपोलो 11, 12 और 17 मिशनों के दौरान लाई गई चंद्रमा की मिट्टी में पौधों को तैयार किया है। चांद की मिट्टी में पौधों के अंकुरण के साथ ही वैज्ञानिकों को उम्मीद की किरण दिखाई दी है कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के दौरान चंद्रमा की सतह पर खेती की जा सकती है।
साथ ही इंसान यदि चांद पर मानव बस्ती बसाने की योजना तैयार करता है तो फिर चांद की मिट्टी में खेती भी कर सकेगा। इस शोध के लेखकों में से एक रॉब फेरेल ने जानकारी दी है कि हम भविष्य के लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए चंद्रमा को हब या लॉन्चिंग पैड के रूप में उपयोग कर सकते हैं और वहां पर खाद्य सामग्री पैदा कर सकते हैं।
चांद की मिट्टी में उगाए थेल क्रेस की बीज
रॉब फेरेल ने कहा कि पहले चांद की मिट्टी का उपयोग जीवों आदि के संदर्भ में किया जाता था लेकिन पहली बार चांद की मिट्टी में पौधों उगाए जाने के बाद ऐसा लगता है कि हमें चांद का इस्तेमाल खेती करने के लिए करना चाहिए। प्रोफेसर रॉब ने कहा कि हमारी टीम ने चंद्रमा की मिट्टी में थेल क्रेस के बीज उगाए। उसे पानी, पोषक तत्व और प्रकाश दिया गया और फिर पौधा बड़ा हुआ।
चांद की मिट्टी में उगाए थेल क्रेस की बीज
रॉब फेरेल ने कहा कि पहले चांद की मिट्टी का उपयोग जीवों आदि के संदर्भ में किया जाता था लेकिन पहली बार चांद की मिट्टी में पौधों उगाए जाने के बाद ऐसा लगता है कि हमें चांद का इस्तेमाल खेती करने के लिए करना चाहिए। प्रोफेसर रॉब ने कहा कि हमारी टीम ने चंद्रमा की मिट्टी में थेल क्रेस के बीज उगाए। उसे पानी, पोषक तत्व और प्रकाश दिया गया और फिर पौधा बड़ा हुआ।
रिसर्च टीम के पास थी सिर्फ 12 ग्राम चांद की मिट्टी
रिसर्च टीम के पास चंद्रमा की सिर्फ 12 ग्राम मिट्टी थी, जो नासा की ओर से उपलब्ध कराई गई थी। सिर्फ 12 ग्राम मिट्टी में वैज्ञानिकों ने एक बहुत छोटे से गमले में रखकर थेल क्रेस के बीज को अंकुरण के लिए चुना क्योंकि थेल क्रेस बीज के आनुवंशिक कोड को पूरी तरह से मैप किया जा चुका है। तुलनात्मक अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने इन बीजों को धरती की मिट्टी में भी उगाया।