धर्म

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा , व्रत कथा और पूजन विधि

इस मंत्रों का करें जाप

ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी

सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते.. ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

माता ब्रह्मचारिणी नवरात्र के दूसरे दिन पूजी जाती है. माता का रूप ऐसा है जो सारी चिंताएं भुलाकर शांत चित्त और सौम्यता देता है. सफेद साड़ी पहनी माता एक हाथ में कमल का फूल धारण करती हैं और दूसरे हाथ में कमंडल. दोनों ही शांत और धैर्यवान रहने का संकेत देते हैं. कहते हैं माता ब्रह्मचारिणी ने स्वयं जीवनभर तप किया. और मनचाहा वरदान भी प्राप्त किया. इसलिए माता कठिन तप करने वाले अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करतीं

माता ब्रह्मचारिणी की कथा

माता ब्रह्मचारिणी का जन्म भी पर्वतराज हिमालय के घर ही हुआ. जैसे जैसे माता बड़ी हुईं शिवजी की भक्ति में रमती गईं. किंवदंति है कि भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए मां ने सौ साल लंबा कठिन तप और व्रत किया. एक शताब्दी तक माता सिर्फ फल फूल खाकर तपस्या में लीन रहीं. उनकी  भक्ति से सभी देवता प्रसन्न हुए और उन्हें मनोकामना पूर्ति का वरदान दिया

पूजन विधि

माता ब्रह्मचारिणी के पूजन से पहले स्नान कर शुद्ध हो जाएं. फिर माता की प्रतिमा रखें या तस्वीर लगाएं. पूजा शुरू करते हुए मन में माता के नाम का स्मरण करते रहें. कोशिश करें कि सफेद या पीले वस्त्र पहन कर ये पूजन कर सकें. मां को प्रसाद में पंचामृत जरूर चढ़ाएं. अगर पूजा में प्रतिमा रखी हैं तो मां को पंचामृत से स्नान भी करवा सकते हैं. रोली, अक्षत चढ़ाएं. अरूहल या कमल का फूल अर्पित करें. ये दोनों प्रकार के फूल मां को प्रिय हैं. दूध से बने अन्य तरह के प्रसाद भी मां को अर्पित कर सकते हैं. कपूर से मां की आरती करें

मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से कठिन तप तो पूरे होते ही हैं अध्ययन में भी रूचि बढ़ती है. साथ ही स्मरण शक्ति भी बढ़ती है. जीवन की अज्ञानता मिटती है और ज्ञान का प्रकाश फैलता है.

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Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

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