पूजा विधि
- मां के समक्ष दीपक जलाएं.
- मां को 9 कमल के या लाल फूल अर्पित करें.
- इसके बाद मां को 9 तरह के खाद्य पदार्थ भी अर्पित करें.
- फिर मां के मंत्र “ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः” का जाप करें.
- अर्पित किए हुए फूल को लाल वस्त्र में लपेट कर रखें.
- पहले कन्याओ और ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
- इसके बाद स्वयं भोजन करें.
माँ दुर्गाजी की नवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है. ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं. मार्कण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व ये आठ प्रकार की सिद्धियां होती हैं. माँ सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धियां प्रदान करने में समर्थ हैं. देवी पुराण के अनुसार भगवान शिव ने माँ सिद्धिदात्री की कृपा से ही सारी सिद्धियां प्राप्त की थीं और उनका आधा शरीर देवी का हो गया था, जिसके कारण उनका एक नाम अर्द्धनारीश्वर पड़ गया था
- नवमी तिथि, वास्तव में नवरात्रि का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाली तिथि है.
- इस दिन हर तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है.
- धन और सम्पन्नता की प्राप्ति हो सकती है.
- साथ ही बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं.