Tokyo Paralympics 2021: 26 साल की प्राची यादव टोक्यो के लिए होंगी रवाना।कहा- विकलांगता तो शारीरिक होती है, मन पक्का तो सब संभव।
Tokyo Paralympics 2021: 26 साल की प्राची यादव पहले तैराकी में अपना भाग्य आजमा रहीं थीं। यहां ग्वालियर में एलएनआइपीई के सेवानिवृत प्रोफेसर से मिलीं। उन्होंने बताया कि कमर से नीचे का हिस्सा काम नहीं करता तो क्या हुआ, तुम्हारे लंबे हाथ हैं, पैरा कैनोइंग में कोशिश करो। बस यहीं से लंबे हाथ की बात और पिता के साथ ने प्राची को टोक्यो पैरालिंपिक में छलांग लगवा दी। प्राची कैनो इवेंट में भाग लेंगी, वे इसमें देश की पहली महिला होंगी। शुक्रवार को प्राची टोक्यो के लिए अपने कोच के साथ रवाना होंगी। प्राची का कहना है कि विकलांगता तो शारीरिक होती है, इसे मानसिक तौर पर दूर रख आगे बढ़ने का जज्बा हो तो सब संभव है।
ज्ञात रहे कि मूल रूप से मुरैना की प्राची यहां ग्वालियर में आनंद नगर में रहती हैं। चार साल पहले ही उन्होंने पैरा कैनोइंग में शुरुआत की। प्राची के कमर से नीचे का हिस्सा काम नहीं करता है। बचपन में ही मां दुनिया में नहीं रहीं और परिवार में पिता, बड़ी बहन और छोटा भाई है। प्राची की एक साल पहले ही मनीष सिंह से शादी हुई है, मनीष भी खेल से जुड़े हैं। पिता जगदीश सिंह ने अपनी बेटी प्राची को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रााची के कोच मयंक ठाकुर हैं और वह भोपाल में पैरा कैनोइंग की प्रैक्टिस करतीं हैं।
बी.काम व पीजीडीसीए हैं प्राची
प्राची ने बताया कि वे बीकाम और पीजीडीसीए हैं। यहां ग्वालियर में कुछ साल पहले एलएनआइपीई में स्वीमिंग की प्रैक्टिस के दौरान स्वीमिंग इंचार्ज (अब सेवानिवृत) डा. वीके डबास से मुलाकात हुई थी। उन्होने लंबे हाथ देखकर कहा कि पैरा कैनोइंग में कोशिश करो, अच्छा रहेगा। इसके बाद उन्होंने पैरा कैनोइंग की प्रैक्टिस शुरू की और पिता ने आगे बढ़ने के लिए हिम्मत दी। प्राची यहां अमर ज्योति स्कूल की ओर से एलएनआइपीई में स्वीमिंग की प्रैक्टिस करती थीं।
पीएम ने की थी तारीफ
प्राची ओलिंपिक में पैरा कैनोइंग खेल में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला खिलाड़ी होंगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 अगस्त 2021 को प्राची से वीडियो कॉल पर बात कर शुभकामनाएं दी और तारीफ की थी। पीएम ने पूछा भी था कि इतने संघर्ष के बीच उनकी सकारात्मकता का राज क्या है। इस पर प्राची ने कहा कि पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत दी, कभी हारने नहीं दिया।