जिले में सुगंधित फसलों को प्रोत्साहित करते हुए कृषकों की आय बढ़ाने के लिये एरोमेटिक कोण्डानार अभियान के तहत् एफआरए क्लस्टरों में सुगंधित फसलों की कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके लिए एफआरए क्लस्टर गम्हरी में खरीफ वर्ष 2021 के अंतर्गत पचैली की कृषि के लिये किसानों को प्रशिक्षण एवं बीज वितरण का कार्य किया जा रहा है।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं की बैठक बुलाई- जिसके तहत् 20 एकड़ क्षेत्र को चिन्हित किया गया है। इन क्षेत्रों में कृषि कार्य के लिये बिहान स्व-सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इसके लिये गम्हरी में कृषकों एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में उप संचालक कृषि डीके रामटेके एवं अनुविभागीय कृषि अधिकारी उग्रेश देवांगन द्वारा किसानों को एरोमेटिक फसलों के उत्पादन से लाभ एवं कृषि विधियों के संबंध में जानकारी दी गई। इसके लिये अधिकारियों द्वारा शनिवार तक भूमि तैयार कर पचैली के रोपण का कार्य प्रारंभ करने के लिये कहा गया। इसके लिये कृषि विकास अधिकारी केके मरकाम एवं जीआर देवांगन को जिम्मेदारी दी गयी है। इस बैठक में रबी फसल वर्ष 2021 में 25 हेक्टेयर भूमि पर मुनगे के रोपण पर भी चर्चा की गयी। इस बैठक में कृषि विभाग के अधिकारी, पीएमयू डीएमएफटी की ओर से शिवा चिट्टा, राजशेखर रेड्डी सहित क्षेत्र के कृषक एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
जिले को सुगंधित फसलों का हब बनाने एवं किसानों को वैकल्पिक अधिक लाभ वाले कृषि फसलों से जोड़ने के उद्देश्य से एरोमेटिक कोण्डानार अभियान का शुभारंभ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 20 जून 2021 को किया गया था। इस अभियान के अंतर्गत कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन में एफआरए क्लस्टरों, वन भूमियों तथा निजी कृषकों की भूमियों पर लेमन ग्रास, पाॅमारोसा, वेटीवर, पचैली, अम्बाड़ी, तुलसी एवं मुनगा जैसी फसलों का उत्पादन किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत अब तक 162 कृषकों को एरोमेटिक फसलों के उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।