45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई. इसमें कई वस्तुओं के रेट में बदलाव किया गया. आइए जानते हैं इस बैठक में पेट्रोल-डीजल पर क्या फैसला हुआ
नई दिल्ली न्यूज़ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है. लखनऊ में आयोजित 45वें जीएसटी बैठक में पेट्रोल-डीजल पर राहत के फैसले की उम्मीद जताई जा रही थी. मंत्रियों के एक पैनल के गुड्स एंड सर्विस टैक्स जीएसटी पर सिंगल नेशनल रेट के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स लगाने पर विचार की बात की जा रही थी. लेकिन आम लोगों को एक बार फिर झटका लगा जब इस बैठक में पेट्रोल- डीजल पर चर्चा से वित्त मंत्री ने इनकार कर दिया.
क्या कहा वित्त मंत्री ने
पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों फिर निराशा हाथ लगी. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद साफ हो गया कि फिलहाल पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जाएगा. 45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीएसटी काउंसिल ने महसूस किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का ये सही वक्त नहीं है जीएसटी सिस्टम में अगर कोई भी बदलाव करना हो तो उसमें पैनल के तीन-चौथाई से अप्रूवल की जरूरत होती है. इसमें सभी राज्यों और क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. हालांकि इस प्रस्ताव में से कुछ ने फ्यूल को जीएसटी में शामिल करने का विरोध किया है क्योंकि उनका कहना है कि ऐसे में केंद्र सरकार को एक प्रमुख राजस्व जुटाने वाला टूल सौंप देंगे
पेट्रोल-डीजल की कीमतें तोड़ रही कमर
देश भर में पेट्रोल-डीजलकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं जिससे आम जनता बेहाल है. इस बैठक से लोगों को पेट्रोल-डीजल की कीमत में राहत की उम्मीद थी. राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 101.19 पैसे प्रति लीटर की दर पर है. वहीं, डीजल 88.62 रुपये प्रति लीटर है. मुंबई में पेट्रोल 107.26 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, डीजल 96.19 पैसे प्रति लीटर है.
महंगे पेट्रोलियम उत्पादों से भरा सरकारी खजाना
दरअसल, सरकार का पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 48 प्रतिशत बढ़ा है. यानी बढ़ती कीमत के बीच पेट्रोल-डीजल ने सरकार के खजाने को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है. अप्रैल से जुलाई 2021 के दौरान उत्पाद शुल्क कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 67,895 करोड़ रुपये था. वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार की तरफ से वसूले जाने वाले टैक्स में 88 फीसदी का उछाल आया है और यह रकम 3.35 लाख करोड़ रही