कांकेर न्यूज़ धमाका /// कोयलीबेड़ा में बुधवार को 18 पंचायतों के 68 से ज्यादा गांव के लोगों और स्कूली बच्चों ने रैली निकाली पालक -बालक संघर्ष समिति एवं बेरोजगार संघ ने विशाल रैली निकाली। क्षेत्र में शिक्षा की व्यवस्था दुरुस्त करने की उन्होंने मांग की है। बच्चों व ग्रामीणों के समर्थन में कोयलीबेड़ा में बुधवार को व्यापारियों ने सारी दुकानें भी बंद रखी। ग्रामीणों का कहना है कि, इससे पूर्व में भी इन मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा गया है।लेकिन अब तक किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस दौरान 29 मांगों को लेकर एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन भी किया। स्कूली बच्चों और इलाके के लोगों का कहना है कि, बस्तर यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर शहीद महेंद्र कर्मा किया गया है। बस्तर हमारी पुरानी रियासत है, इसलिए इस विश्वविद्यालय का नाम बदलना ठीक नहीं है। इसका नाम बस्तर विश्वविद्यालय ही रहने दिया जाए।
इनकी प्रमुख मांगे
- नई शिक्षा नीति को रद्द करें।
- वैज्ञानिक शिक्षा नीति, एवं क्षेत्रीय बोली गोंडी, हल्बी में प्राथमिक शिक्षा मिले।
- छात्र / छात्राओं के छात्रवृत्ति में वृद्धि हो।
- अनिवार्य पास करने की नीति बंद हो।
- हाई स्कूलों को हायर सेकेंडरी स्कूल का दर्जा दिया जाए।
- सभी स्कूलों में खेल मैदान की सुगम व्यवस्था हो और खेल टीचर नियुक्त किया जाए।
- सभी आश्रम छात्रावास एवं स्कूलों में बाउंड्री वॉल निर्माण किया जाए तथा जर्जर भवनों की मरम्मत की जाए।
- कोयलीबेड़ा के हायर सेकेंडरी स्कूल के खेल मैदान को क्रीड़ा परिसर जैसी सुविधाएं मिले और यहां सभी तरह के खेल खिलाए जाएं उनका प्रशिक्षण भी विद्यार्थियों को मिले।
- सभी स्कूलों में में बिजली, पानी की व्यवस्था हो।
- इलाके में ITI खोला जाए।
- कोयलीबेड़ा क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार एवं प्रशिक्षण दिया दें।
- कोयलीबेड़ा के टीचर क्वार्टर की जल्द से जल्द मरम्मत कराई जाए। हायर सेकेंडरी स्कूल में सत्र 2021 में 12वीं पास 100 से ज्यादा विद्यार्थियों को दाखिला दिलाया जाए ताकि वे आगे की शिक्षा ग्रहण कर सकें।
- कोयलीबेड़ा में कालेज खोला जाए, सभी विद्यार्थियों को स्थानीय कॉलेज में एडमिशन दिया जाए।
- कांकेर जिले के पखांजुर, दुर्गकोंदल ,भानुप्रतापपुर समेत बस्तर संभाग के सभी महाविद्यालय में सीट बढ़ाई जाए।
- बस्तर विश्वविद्यालय को महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय नाम दिया गया है। बस्तर पुरानी विरासत है, इसलिए बस्तर विश्वविद्यालय ही नाम रहने दिया जाए।
- प्री मेट्रिक बालिका छात्रावास में 50 सीटर का भवन गुणवत्ताविहीन बनाने वाले जिम्मेदार ठेकेदार एवं कर्मचारी पर कार्रवाई की जाए।
- कोयलीबेड़ा क्षेत्र के आश्रम / हॉस्टल को खोला जाए एवं एडमिशन लें।
- बालिका आश्रम कोयलीबेड़ा में कक्षा 1 से 10 तक 100 सीट बढ़ाई जाए। प्री मैट्रिक बालिका छात्रावस कोयलीबेड़ा में कक्षा 11 से 12 तक 50 सीट बढ़ाई जाए। वहीं प्री मैट्रिक बालक छात्रावस में कक्षा 6से 12 तक 100 सीट बढ़ाएं।
- कोयलीबेडा क्षेत्र के समस्त आश्रम / छात्रावासो में शासन के नियमानुसार अधीक्षक की पोस्टिंग की जाए। अध्यापन कार्य कराने वाले शिक्षकों को अधीक्षक का अतिरिक्त प्रभार न दिया जाए क्योंकि इससे बच्चों की पढ़ाई में प्रभाव पड़ता है।
- स्थानीय बेरोजगारों को शिक्षक / चपरासी सहायक ग्रेड 3 एवं अन्य रिक्त पदो में भर्ती करें।
- प्राइमरी के के 94 स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक अलग-अलग रूप में कक्षाएं संचालित हो एक ही रूम में दो कक्षा संचालित होने में बच्चों को दिक्कत होती है।
- हाई स्कूलों में अतिरिक्त भवन नहीं है ऐसे में छात्र छात्राओं को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है जल्द से जल्द यहां अतिरिक्त भवन भी बनाया जाए
- कोयलीबेड़ा की कन्या मिडिल स्कूल को कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल किया जाए।
- कोयलीबेड़ा में अंग्रेजी माध्यम की स्कूल खोली जाए।
- अनियमित कर्मचारियों का वेतन 20 हजार रुपए से उपर हो। साथ ही अथिति शिक्षक, स्वीपर, चपरासी को रेगुलर करें।
- उच्च शिक्षा की फिस सरकार ही वहन करें।
- सभी भर्तियां रोजगार कार्यालय से ही हो।