जगदलपुर न्यूज़ धमाका /// सिलगेर और लखीमपुर खीरी मामले में एक के बाद एक दिग्गज नेताओं का बयान सामने आ रहे हैं। लखीमपुर की घटना के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम के मौन व्रत को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने राजनीतिक नौटंकी बताया है। केदार ने कहा है कि, मोहन मरकाम को उनके विधायक व छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी गंभीरता से नहीं लेते हैं।
केदार ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी विधायक दिल्ली शक्ति प्रदर्शन के लिए जाते हैं, लेकिन मोहन मरकाम को पता नहीं होता है। वह वीडियो जारी कर अपील करते हैं, कोई गंभीरता से नहीं लेता। महापौर, निगम मंडल अध्यक्षों की दिल्ली जाने कतार लग जाती है और कांग्रेस अध्यक्ष अपील करते ही रह जाते हैं। यह कांग्रेस अध्यक्ष के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा करता है। फिर उनके मौन व्रत का क्या औचित्य है? छत्तीसगढ़ में चल रही कुर्सी की लड़ाई के बीच मोहन मरकाम मौन व्रत की राजनीतिक नौटंकी में लगे हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने दंतेवाड़ा जिले के गीदम में 2 घंटे का मौन व्रत रखा था। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी। सिलगेर के ग्रामीणों को मुआवजा न देने वाले सवाल पर मोहन मरकाम ने कहा था कि,अंदर वालों के दबाव में ग्रामीण मुआवजा नहीं ले रहे हैं।