
भिलाई न्यूज़ धमाका /// आबकारी अमला का एक नया कारनामा सामने आया है. शराब तस्कर को पकड़ने में जब आबकारी टीम नाकाम रही तो शराब तस्कर की बहन को उठाकर ले आए. गर्भवती पत्नी को भी रातभर आबकारी कंट्रोल रूम में बिठा दिया.
बिना महिला कांस्टेबल के ही सारी रात बिठा कर वहां रखा गया. जब पुलिसकर्मियों से पूछा गया तो बोले कि आरोपी को पकड़ने के लिए यह गलत नहीं है. ऐसा किया जाता है. अगले दिन जब अधिक दबाव पड़ा तो वार्ड पार्षद रामानंद मौर्य के लिखित आवेदन पर दोनों महिलाओं को देर शाम छोड़ा गया.
सारा मामला आबकारी सिपाही को पीटने से शुरू हुआ. आबकारी उपनिरीक्षक स्वाति चौरसिया ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि सफेद रंग की विस्टा कार में मध्य प्रदेश निर्मित शराब की तस्करी की जा रही है.
इस पर उस कार की निगरानी शुरू की गई. 29 जनवरी शनिवार रात करीब 12 बजे उन्हें सूचना मिली की वही कार रामनगर मुक्तिधाम में देखी गई है और उसमें शराब भी लदी हुई है. सूचना मिलते ही स्वाति चौरसिया अपनी टीम के साथ वहां पहुंची.
कार में शराब तो बरामद हुई, लेकिन आरोपी नहीं था. इस पर आबकारी के सिपाही जागेश्वर को निगरानी के लिए खड़ा कर दिया. थोड़ी देर में आरोपी आदित्य मानिकपुरी अपने साथी विनय और एक अन्य के साथ वहां पहुंचा और सिपाही जागेश्वर के साथ मारपीट की.
फिर तीनों आरोपी वहां से भाग निकले. लोगों ने बताया कि कार आदित्य मानिकपुरी है तो आबकारी की टीम उसके घर गई और उसकी 6 माह की गर्भवती पत्नी और बहन को उठाकर सेक्टर-1 स्थित आबकारी कंट्रोल रूम ले आए.
आरोप है कि आबकारी अफसरों और पुलिसकर्मियों ने पहले तो बिना गिरफ्तारी दिखाए एक गर्भवती महिला और उसकी ननद को कंट्रोल रूम में रात भर बिठा कर रखा. जब इस बारे में आबकारी के सिपाही प्रह्लाद राजपूत से बात की गई तो वह कहने लगा कि आरोपी को पकड़ने के लिए ऐसा करना गलत नहीं है.
उसने यह तक कहा कि आरोपी को सरेंडर कराने के लिए गर्भवती पत्नी या बहन ही नहीं वह पूरे परिवार को उठा सकते हैं. सिपाही के इस बड़बोलेपन से साफ हो जाता है कि यह पहली बार नहीं जब ऐसा किया गया है.
पार्षद रामानंद मौर्य ने बताया कि शराब कोचिया की पत्नी को पूरी रात और पूरा दिन भूखा-प्यासा यह जानते हुए भी रखा गया कि वह 6 माह के गर्भ से है. इतना ही नहीं उससे यह भी कहा जा रहा था कि यदि उसका पति आदित्य सरेंडर नहीं करता तो उसके व उसकी ननद के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे जेल भेजा जाएगा..
इससे गर्भवती महिला मानसिक वेदना से भी गुजरती रही.. पार्षद का कहना था कि यदि ऐसे में महिला या उसके होने वाले बच्चे कुछ होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा
आबकारी विभाग हर एक प्रेस रिलीज में लिखता है कि कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई की गई. लेकिन इसकी जानकारी दुर्ग कलेक्टर डॉ. एसएन भुरे को नहीं दी गई थी. एक मीडिया समूह ने जब कलेक्टर से बिना गिरफ्तारी शो किए गर्भवती महिला व उसकी ननद को आबकारी अमले द्वारा गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मांगी तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.