गरियाबंद न्यूज़ धमाका // देवभोग क्षेत्र के दीवानमुड़ा धान खरीदी केन्द्र में इस बार भी बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. धान तौलाई में 2 से 4 किलो अधिक तोलने का मामला सामने आया है. शिकायत की पुष्टि होने पर खरीदी प्रबंधक और सहायक को निलंबित कर दिया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीदी केन्द्र में अधिक धान तौलाई का सिलसिला बड़े पैमाने पर लंबे समय से जारी था. जिम्मेदार पहले किसानों का अधिक धान तौलाई करते थे फिर उस धान को बोरो से निकालकर नये बोरो में डालकर बेच देते थे. जिम्मेदारों के इस खेल का एक वीडियो वायरल हुआ जो देवभोग एसडीएम तक पहुंच गया.
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एसडीएम टीआर देवांगन ने मामले की जांच की और वीडियो की सत्यता सही पायी गयी. एसडीएम ने कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत किया और फिर कलेक्टर के अनुमोदन पर सहकारिता विभाग ने खरीदी केन्द्र के ओर प्रबंधक विसेक्शन निधि और सहायक नीलांबर बीसी को निलबिंत कर दिया. वैसे दीवानमुड़ा में इस तरह की गड़बड़ी का ये कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी वहां इस तरह के मामले सामने आ चुके है. ताज्जुब की बात ये है कि हर बार कार्रवाई के बावजूद भी जिम्मेदार गड़बड़ी करने से बाज नही आते.
एसडीएम टीआर देवांगन ने बताया कि प्रति बोरा धान की खरीदी ज्यादा मात्रा में की जाती थी. उसके बाद उन बोरो से अधिक मात्रा के धान को निकालकर नये बोरो में डाल कर बेच दिया जाता था. समिति के लोगो के पास पहले से ऐसे किसानों के पट्टे मौजूद है जिनके नाम पर वे इस धान को बेचते है. समिति में यह खेल बड़े पैमाने पर जारी था. पहले पर्याप्त मात्रा में धान तैयार किया जाता था और फिर उसे अपने पास रखे किसी किसान के पट्टे पर बेच दिया जाता था.
ओडिशा सीमा से लगी मैनपुर क्षेत्र की टेटलखुंटी, अमलीपदर और उरमाल समिति में भी रविवार को टीम ने पहुंचकर कलेक्टर नम्रता गांधी के निर्देशन में संघन जांच की. टीम में राजस्व, सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल थे. अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया ने बताया कि फड़ में मौजूद धान के स्टॉक, बोरो में भरे धान की मात्रा व अन्य बिंदुओं पर विस्तृत जांच पड़ताल की गई.
बता दें कि ओडिशा सीमा से लगी जिले की धान समितियों में खरीदी कराना जिला प्रशासन के लिए डेढ़ी खीर है. अवैध धान खपाने की खबरे अक्सर इन समितियों से आती रहती है. इलाके में बड़े पैमाने पर ओडिशा से धान की तस्करी की जाती है और फिर उसे इन समितियों में समर्थन मूल्य पर बेच दिया जाता है. मोटा मुनाफा होने के कारण तस्कर रिस्क लेने से भी पीछे नही हटते, बल्कि चर्चित चेहरे भी अपनी छवि की परवाह किए बगैर इस खेल में शामिल रहते ह