छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ग्लोबल इंवेस्टर मीट ‘इंवेस्टगढ़” का आयोजन करने जा रही है। 27 जनवरी से एक फरवरी 2022 तक यह नवा रायपुर में प्रस्तावित है। उद्योग विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है। इसमें देश के बड़े औद्योगिक संस्थानों के साथ ही विदेशी निवेशकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। इस आयोजन पर करीब 107 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। आयोजन के माध्यम से राज्य में 50 बिलियन डालर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राज्य बनने के बाद यह दूसरा और मौजूदा सरकार के कार्यकाल का यह पहला इस तरह का आयोजन होगा। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2012 में ग्लोबल इंवेस्टर मीट का आयोजन किया था। उद्योग मंत्री कवासी लखमा के अनुसार ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के माध्यम से विश्व के प्रमुख निवेशक समुदायों, कंपनियों, बिजनेस लीडर, राज्य सरकार के अधिकारी और स्थानीय उद्योगपतियों को एक ही मंच पर आने का अवसर मिलेगा।
इससे राज्य के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। इस मीट में शामिल होने वाले निवेशक समुदायों और वैश्विक कंपनियों को राज्य में निवेश की संभावनाओं और इससे मिलने वाले लाभ, राज्य सरकार की नीति, प्रक्रिया, नियमों की जानकारी देने के साथ उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया जाएगा।
चार बड़े सेक्टरों पर रहेगा नजर
उद्योग विभाग के अफसरों के अनुसार आयोजन मुख्य रूप से चार बड़े सक्टरों में बंटा रहेगा। इसमें कृषि, खनिज, हैवी इंजीनियरिंग व फेब्रिकेशन और ग्रीन एनर्जी शामिल है। इन सेक्टरों का अलग-अलग पैवेलियन होगा। इस मौके पर राज्य सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत निर्णयों, अनुदानों, रियायतों की घोषणाएं भी करेगी।
30 महीने में 132 एमओयू
मौजूदा सरकार के कार्यकाल में एक जनवरी 2019 से 23 अगस्त 2021 तक राज्य में उद्योग की स्थापना के लिए 132 एमओयू किए गए हैं। इनमें 58 हजार 950 करोड़ का पूंजी निवेश प्रस्तावित है। वहीं, पिछले ढाई सालों में राज्य में 1,564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं, जिसमें 18 हजार 882 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश हुआ है। इससे 30 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हुआ है।
पहले ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट के 275 में से 103 एमओयू रद
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में 2012 में प्रदेश का पहला ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट का आयोजन नया रायपुर में किया गया था। इसमें देश-विदेश से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि पहुंचे थे। इस दौरान विभिन्न् उद्योगों की स्थापना के लिए 275 एमओयू हुए थे। इसके माध्यम से राज्य में 93 हजार 830 करोड़ रुपये से अधिक का पंूजी निवेश होना था। लेकिन अब तक केवल 2003 करोड़ का ही निवेश हुआ है। महज छह परियोजनाओं में उत्पादन शुरू हुआ है। 25 में स्थल चयन कर क्रियांवयन प्रारंभ हो गया है। बाकी 103 में कोई काम नहीं होने के कारण मौजूदा सरकार ने एमओयू रद कर दिया है।