- जिले के बीजेपी नेत्री और जिला पंचायत सदस्य शीलु साहू के प्रयास से संभव हुआ है. ये बात हम नहीं बल्कि खुद ही गांव वाले कहते फिर रहे हैं. पिछले महीने उनके आगमन के दौरान गांव वालों ने उनके समक्ष समस्या रखी और उन्होंने आश्वासन देने के बजाय काम करने के बाद गांव वालों को बताया. वही बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता आर के चौहान का कहना है कि इस प्रकिया के लिए मुंगेली जिला कार्यालय से लेकर संभागीय व विभागीय सचिवालय से प्रॉसेज पूरा होने के बाद ट्रांसफर की स्वीकृति मिली है.
मुंगेली न्यूज़ धमाका /// जिले के करील कुंडा गांव के बच्चे भी उजाले में पढ़ पाएंगे. अब यहां के लोग भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपभोग कर सकेंगे. यहां रहने वाले लोगों के यहां न सिर्फ मेहमान बल्कि, अब लड़कों के लिए वैवाहिक रिश्ता भी आएगा. क्योंकि इस दिवाली इस गांव में बिजली आ गई है. अब हमेशा के लिए अंधेरों को दूर कर प्रकाशमान रहेगा गांव वाले बताते हैं कि लो वोल्टेज की समस्या यहां इस कदर थी कि विद्युत प्रवाहित तार को छूने पर करन्ट का एहसास नहीं होता था.
जिसके चलते गांव वाले आधुनिक डिजिटल युग में बिजली संकट से जूझ रहे थे, वो भी उस राज्य में जहां दूसरे प्रदेशों में बिजली बेची जाती है. आलम ये था कि यहां इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सो-पीस बनकर रह गया था, तो वही लो वोल्टेज की वजह से स्कूली बच्चे रात के अंधेरे में चिमनी की रोशनी में पढ़ने को मजबूर थे. गांव वाले तो यहां तक बताते है बिजली संकट वाले इस गांव में विवाह के लिए दूसरे गांव के लोग बेटी देना भी पसंद नही करते थे. हद की बात तो ये थी कि लोग इस गांव में मेहमान बनकर जाने से भी कतराते थे.