देश की शीर्ष राष्ट्रीय मानक निर्धारण तथा श्गुणवत्ता नियंत्रकश् संस्थान की कृषि यंत्रों की समिति में नियुक्त होने वाले प्रदेश के पहले कृषक सदस्य हैं डॉ त्रिपाठी महिंद्रा एवं महिंद्रा देश की अग्रणी ट्रैक्टर्स तथा कृषि यंत्र निर्मात्री संस्था, में डॉ त्रिपाठी के साथ ही सदस्य बनाया गया । उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार के तहत कार्य करता है भारतीय मानक ब्यूरो भारत में राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली शीर्ष संस्था है। यह के अधीन कार्य करती है।
डॉक्टर त्रिपाठी ने देश में गुणवत्ता विहीन चीनी कृषि यंत्रों की बाढ़ पर तत्काल नियंत्रण की जरूरत पर दिया जोर देश में असुरक्षित ट्रैक्टर ट्रालियों के पलटने से होने वाली लाखों किसान मजदूरों की मृत्यु पर व्यक्त की चिंता और इनमें तत्काल सुधार और नियंत्रण की जरूरत पर दिया जोर, देश में गुणवत्ता नियंत्रण की शीर्ष केंद्रीय शासकीय संस्था भारतीय मानक संस्थान ने बस्तर के कृषि विशेषज्ञ तथा अखिल भारतीय किसान महासंघ आईफा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी को इसी हफ्ते कृषि मशीनरी तथा कृषि यंत्रों की गुणवत्ता नियंत्रक समिति का सदस्य बनाया। डॉक्टर त्रिपाठी के साथ ही भारतीय मानक ब्यूरो ने देश की अग्रणी ट्रैक्टर तथा विभिन्न कृषि यंत्र निर्मात्री संस्था महिंद्रा एवं महिंद्रा एवं सुहास मनोहर को भी इस समिति का सदस्य बनाया है।
भारतीय मानक ब्यूरो भारत में राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली शीर्ष संस्था है। यह श्उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भारत सरकार के अधीन कार्य करती है। पहले इसका नाम श् भारतीय मानक संस्थान था जिसकी स्थापना सन् १९४७ में हुई थी। अपनी नियुक्ति के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि देश की 70ः जनसंख्या सीधे अथवा परोक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है, और खेती आज पूरी तरह से घाटे का सौदा बन चुकी है। उन्नत तथा किफायती कृषि यंत्रों के बिना अब लाभदायक खेती संभव नहीं है। इसलिए अब कृषि यंत्रों की गुणवत्ता का प्रभावी नियंत्रण देश हित में बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।
डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि देश की 84ः किसान 4 एकड़ अथवा उससे भी कम कृषि जोत वाले हैं। इनके लिए छोटे-छोटे किफायती कृषि यंत्रों के विकास तथा उनकी वाजिब कीमत एवं गुणवत्ता पर प्रभावी नियंत्रण बेहद जरूरी है। देश में आज गुणवत्ता विहीन चीनी कृषि यंत्रों की बाढ़ आई हुई है, यहां तक की इन चीनी कृषि यंत्रों पर जाने अनजाने में भारी मात्रा में सरकारी अनुदान भी दिया जाने लगा है, जो कि बहुत ही चिंताजनक स्थिति है। जिस पर समुचित नियंत्रण बहुत जरूरी है। डॉक्टर त्रिपाठी ने यह भी कहा की ट्रैक्टर के साथ लगने वाली ट्रैक्टर ट्रालियां आज भी बहुत ही असुरक्षित हैं और आए दिन यह पलट जाती हैं। देश मेंइन ट्रैक्टर ट्रालियों के पलटने से लाखों किसान मजदूरों की जाने जा चुकी हैं। इसलिए इसमें सुरक्षा संबंधी और अधिक सुधारों की तत्काल आवश्यकता है। ट्रैक्टर की ट्रालियों की गुणवत्ता पर भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रभावी नियंत्रण किया जाना चाहिए, जिससे कि लोगों की जानें बचाई जा सके। डॉक्टर त्रिपाठी ने कहा कि वह पूरे मनोयोग और इमानदारी से देश की कृषि तथा किसानों की बेहतरी के लिए जो भी संभव होगा, वह करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। डॉक्टर त्रिपाठी की इस प्रतिष्ठापूर्ण नियुक्ति से केवल कोंडागांव बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है, क्योंकि देश की शीर्ष गुणवत्ता नियंत्रक समिति में नियुक्त होने वाले वह प्रदेश के पहले कृषक सदस्य हैं। डॉ त्रिपाठी की नियुक्ति से जिले तथा प्रदेश के किसानों सहित पूरे प्रदेश में हर्ष व्याप्त है। उनकी इस नियुक्ति पर मां दंतेश्वरी हर्बल समूह संपदा समाज सेवी संस्थान, जिला पत्रकार संगठन, छत्तीसगढ़ साहित्य परिषद ने हर्ष व्यक्त करते हुए बधाई प्रेषित की है।