रायपुर,न्यूज़ धमाका :- आकांक्षी जिलों के कामकाज को परखने के लिए छत्तीसगढ़ पहुंच रहे केंद्रीय मंत्रियों ने प्रशासन के कामकाज की कमियां खोजना शुरू कर दिया है। अब तक पांच केंद्रीय मंत्री अलग-अलग आकांक्षी जिलों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार कर चुके हैं। यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सौंपी जाएगी। प्रदेश के दस आकांक्षी जिलों में अब तक सबसे ज्यादा कमी कुपोषण अभियान को लेकर मिली है।
बस्तर सहित अन्य आकांक्षी जिलों में कुपोषण के स्तर में बदलाव की स्थिति को कमजोर माना गया है। इसके साथ ही आकांक्षी जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छता के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना और और प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के स्कूल छोड़ने के औसत में आकांक्षी जिलों का परफार्मेंस कमजोर पाया गया है। केंद्रीय मंत्रियों की प्रारंभिक रिपोर्ट में कमजोर परफार्मेंस वाले कार्यक्रमों को लेकर गंभीर नाराजगी भी सामने आई है।
प्रदेश के आकांक्षी जिलों को केंद्र सरकार से विशेष फंडिंग की जा रही है। ऐसे में केंद्रीय मंत्रियों की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की दखल बढ़ सकती है। इससे पहले आदिवासियों के मुद्दे पर राज्यपाल ने भी राज्य सरकार को घेरा था। केंद्रीय मंत्रियों की इस कवायद को डेढ़ साल बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
बता दें कि राज्य के भाजपा सांसदों ने आकांक्षी जिलों के फंड का उपयोग राज्य सरकार द्वारा दूसरी योजनाओं में करने की शिकायत केंद्र सरकार से की गई है। इस शिकायत की भी केंद्रीय मंत्री जिलों की समीक्षा के दौरान जांच कर रहे हैं।