सेलूद,न्यूज़ धमाका :- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में जिसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है वह अपनी कुर्सी बचाने अपना वोट तो प्रस्ताव के खिलाफ देता है। परंतु पाटन ब्लाक के ग्राम पंचायत धौराभांठा में इसका उलट हो गया। 20 में से 19 पंचो ने सरपंच को हटाने अविश्वास प्रस्ताव लाया।
रुवार को इस पर मतदान हुआ। इसमें महिला सरपंच ने प्रस्ताव के पक्ष में ही मतदान कर दिया। प्रस्ताव के पक्ष में कुल 21 वोट पड़े वहीं खिलाफ में एक भी वोट नहीं पड़ा। इस तरह सरपंच मेहतरीन शिवहरे की कुर्सी गई। अब यहां उपचुनाव होगा। अंचल में इस तरह की घटना पहली बार हुई है।
धौराभाटा में कुल 20 पंच हैं। जिसमे उपसरपंच राजेश्वरी चंद्राकर एवं पंच हितेश्वरी चन्द्राकर सहित अन्य 19 पंचों ने सरपंच मेहतरीन शिवहरे के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव लाने बीते तीन जून को एसडीएम पाटन को पत्र सौंपा था। इसमें सरपंच की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए पंचायती राज अधिनियम के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने मांग की गई थी। इसके बाद आज धौराभांठा पंचायत में प्रस्ताव पर मतदान हुआ।
एसडीएम पाटन ने इसके लिए पीठासीन अधिकारी गजेंद्र साहू को नियुक्त किया था। बताया जाता है कि 19 पंचो द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद शेष एक पंच भी उनके समर्थन में आ गया। इस तरह सरपंच अकेली रह गई। आज मतदान पंचों एवं उपसरपंच ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
वहीं सरपंच ने भी प्रस्ताव के पक्ष में ही मतदान किया। जब मतों की गिनती हुई तब यह सामने आते ही सभी चौंक गए। अब गांव के सरपंच का पद रिक्त हो गया। वर्तमान समय मे सरपंच का प्रभार उप सरपंच राजेश्वरी चंद्राकर संभालेंगी। छह माह बाद जनपद कार्यालय के निर्देशानुसार गांव में आरक्षण के आधार पर उपचुनाव होगा।
सभी पंचो व उप सरपंच की एकता व मेरे खिलाफ खड़े होने की गतिविधियों को देखते हुए मैंने स्वयं भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान कर दिया।