डीबीटी प्रणाली के पांच वर्ष पूर्ण होने पर कृषक वैज्ञानिकों व किसानों के बीच जिला मुख्यायल में हुयी महत्वपूर्ण बैठक।
पूरे जिले के 110 किसानों ने लिये परिचर्चा में हिस्सा और दिये कई सुझाव।
अधिकारियों व कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी कई लाजवाज जानकारियां।
छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका । आज जिला कोण्डागांव में आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत उर्वरकों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण डीबीटी प्रणाली के पांच वर्ष पूर्ण होने पर उर्वरको के सतत् संतुलित उपयोग के लिए एक दिवसीय उर्वरक जागरूकता कार्यक्रम एवं कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा’’ का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विभाग, बालाजी फास्फेट ग्रुप, ओस्तवाल ग्रुप ऑफ इण्डस्ट्रीज, जिला सहकारी बैंक के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष कोंडागॉव देेवचंद मतलाम सामिल हुये। उनके द्वारा जिले के कृषकों को मृदा की स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए उर्वरको व जैविक खाद का संतुलित उपयोग करने को कहा गया व केंचुआ खाद के उत्पादन को उन्होने सराहा ।
किसानों को बताया कितना डाले सिंगल सुपर फास्फेट – डीके रामटेके, उपसंचालक कृषि ने उर्वरकों के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण डीबीटी पीओएस एवं डिजीटल ट्रांजेक्शन द्वारा उर्वरकों की खरीदी के बारे में जानकारी प्रदान की । डॉ. ओमप्रकाश वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र कोण्डागांव द्वारा एकीकृत समन्वित पोषक प्रबंधन की जानकारी कृषको को दी। फसलों पर सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक के उपयोग एवं उसके महत्व व उर्वरको की लागत को कम करने के बारे में विस्तार से बताया।
डीबीटी से किसानों को मिला पूरा लाभ – डॉ. हितेश मिश्रा वैज्ञानिक ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर ही खाद एवं उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए कहा। जिससे कि पौधों को उचित पोषक तत्व मिलने के साथ वातावरण एवं मनुष्यों के स्वास्थ्य पर प्रतिकुल प्रभाव ना पड़े। कार्यक्रम में राम सिंह बालाजी फास्फेट ग्रुप मैनेजर रायपुर द्वारा शासकीय अनुदान को कृषकों को डीबीटी माध्यम से सीधे लाभ देने के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया।
ज्यादा उर्वरकों से फसल, खेत व मानव स्वास्थ होता है प्रभावित – कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा में असंतुलित उर्वरकों के उपयोग से फसलों पर विपरीत प्रभाव, मृदा स्वास्थ्य सुधार एवं फसल पोषण में मिटटी परीक्षण का महत्व, जैव उर्वरकों द्वारा बीज उपचार, हरी खाद का उपयोग, केंचुआ खाद, नाडेप कम्पोस्ट का उपयोग, मौसम पूर्वानुमान का कृषि कार्याे में महत्व इत्यादि विषयों पर कृषकों से चर्चा हुई।
आयोजन में मौजूद रहे ये – इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष कोंडागॉव देेवचंद मतलाम, विशिष्ठ अतिथि श्रीमती प्रमीला मरकाम, सभाति कृषि स्थाई समिति एवं सुश्री मनीता नेताम, जिला पंचायत सदस्य, फैज मोहम्मद खान नोडल जिला सहकारी बैंक, रितेश चौकसे ओस्तवाल ग्रुप ऑफ इण्डस्ट्रीज मैनेजर रायपुर, तिलकचंद पटेल जिला विपणन कार्यालय के साथ-साथ जिले के सभी विकासखंड से 110 किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।