भिलाई,न्यूज़ धमाका :- डा बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लेते हुए रैली निकाली गई। यहां पर डा बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया गया । मुख्य आयोजन पावर हाउस चौक पर डा अम्बेडकर प्रतिमा स्थल पर हुआ। इस दौरान प्रतिभा सम्मान सहित कई अन्य आयोजन भी हुए। वक्ताओं ने बाबा साहेब को युग प्रवर्तक बताया।
बीएसपी के औद्योगिक संबंध विभाग, ठेका श्रमिक प्रकोष्ठ एवं बीएसपी एससी-एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में डा अम्बेडकर भवन, सेक्टर-6 में डा बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनाई गई। संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता मुख्य अतिथि रहे। ईडी मानस बिस्वास, ईडी के के सिंह, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी डा ए के पंडा एवं बीएसपी एससी-एसटी कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील कुमार रामटेके विषेष रूप से उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि डा अम्बेडकर ने ऐसा संविधान बनाया जिसके माध्यम से सभी को एक जैसा एक अधिकार प्राप्त हुआ। एसोसिएशन के महासचिव कोमल प्रसाद ने संस्था का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील रामटेके ने बाबा साहेब के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। तनिषा गुप्ता ने अंग्रेजी में तथा हिमानी चक्रधारी ने हिंदी में बाबा की जीवनी पर प्रकाश डाला।
बुद्घ विहार सेक्टर-6 मे वंदना
दि बुद्घिस्ट सोसायटी आफ इंडिया छग द्वारा बुद्घ विहार सेक्टर-6 मे वंदना के बाद रैली के बीएसएनएल चौक सेक्टर-1 पहुंचकर डा.अंबेडकर की पूजा की गई। दि बुद्घिस्ट सोसायटी आफ इंडिया के प्रदेशाध्यक्ष अनिल मेश्राम ने कहा कि डा. आंबेडकर एक महान विद्वान व स्वप्न दृष्टा थे। संस्था के महासचिव विनोद बंसोड ने कहा कि बाबासाहेब ने शिक्षा और लोकतंत्र का अधिकार दिया। प्रांतीय कोषाध्यक्ष एडवोकेट मनोज मून ने कहा कि डा. आंबेडकर ने संविधान के माध्यम से देश की विधि व न्याय व्यवस्था को सुधारने का महान कार्य किया है।
महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष भारती खांडेकर ने कहा कि उन्होंने नारी उत्थान की दिशा में अतुलनीय कार्य किया है। भारतीय बौद्घ महासभा के अध्यक्ष नरेंद्र खोब्रागड़े, जिला अध्यक्ष मोहन रामटेके ने भी अपनी बात रखी। प्रीति वासनिक ने कहा कि उन्होंने बहुत बड़े-बड़े त्याग किए है अब त्याग करने की बारी हमारी है। समारोह मे नरेंद्र खोब्रागड़े, डा. उदय धाबर्डे, जयश्री बौद्घ, श्वेता वासनिक, संगीता खोब्रागड़े, निर्मला गजभिए, वंदना बौद्घ, सुनीता मेश्राम, सुधेश रामटेके आदि थे।