कोंडागांवछत्तीसगढबिलासपुरब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिरायपुर

MP टू छत्तीसगढ़ वाया पंजाब… विवादों का निपटारा करने में अक्षम नेतृत्व के अभाव में डूब रही कांग्रेस की नाव

कांंग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की फाइल फोटो

कांग्रेस को चुनावी संभावनाओं के लिए अब अन्य राज्यों में कार्यकर्ताओं की रैली के दौरान अपना किला बचाने पर ध्यान देना होगा. हालांकि ये पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होता जा रहा है क्योंकि अंदरूनी कलह का निपटारा होता दिख नहीं रहा है और आलाकमान शांति स्थापित करने में असमर्थ नज़र आ रहा है

. देश का सबसे पुराना दल धीरे-धीरे अपना जादू ही नहीं अस्तित्व भी खोता जा रहा है. महज़ तीन राज्यों- पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तक सिमटी कांग्रेस में अंदरूनी कलह मुखर होती जा रही है. पार्टी की चुनावी संभावनाओं के लिए अब अन्य राज्यों में पार्टी को अपना किला बचाने पर ध्यान देना होगा. हालांकि ये पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होता जा रहा है क्योंकि अंदरूनी कलह का निपटारा होता दिख नहीं रहा है और आलाकमान शांति स्थापित करने में असमर्थ नज़र आ रहा है. पंजाब में कलह को खत्म करने के लिए आलाकमान देर से जागा और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बुलंद होते विरोध के सुर को दबाने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) का प्रमुख बनाया गया. लेकिन इससे मामला निपटता नज़र नहीं आ रहा है और पार्टी में मौजूद असंतुष्टों ने छह महीने बाद होने वाले चुनाव के अभियान के लिए नए चेहरा लाने की मांग की है.विज्ञापन

तनातनी को सुलझाने के लिए राहुल गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा – वहीं छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंह देव के बीच तनातनी को सुलझाने के लिए राहुल गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा लेकिन उससे लगता नहीं है कि कोई बात बन सकी है. इसी तरह राजस्थान में भी अंदरूनी कलह के चलते पार्टी की सत्ता जाते-जाते बची थी. फिलहाल कांग्रेस पार्टी का हाल उस क्लास की तरह हो गया है जिसका कोई मॉनीटर नहीं है. आलाकमान भी ऐसे मुश्किल वक्त में शीर्ष नेतृत्व को संभालने में पूरी तरह अक्षम नजर आ रहा है और किसी तरह की लकीर खींचने के काबिल नहीं दिख रहा है. 19 वहीं सदी के अंत में जब कांग्रेस की स्थापना हुई, तभी से पार्टी में आंतरिक झगड़े होते रहे हैं. लेकिन उनमें से ज्यादातर वैचारिक मतभेद के चलते होते थे. इस तरह से व्यक्तिगत हित के चलते कई नेताओं ने खुद के दल स्थापित किए या फिर उन्होंने विरोधी गुट का दामन थाम लिया.विज्ञापन

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के संपादकीय में कहा गया है- पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, और तेलंगाना में जो सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं वो कांग्रेस के पूर्व नेता हैं. नेतृत्व का अभाव यहां साफ नज़र आया था जब साल 2019 में चुनाव में शिकस्त मिली और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद सोनिया गांधी कार्यकारी अध्यक्ष बनीं, लेकिन इससे पार्टी में किसी तरह की कोई बात नहीं बन सकी. कई राज्यों में विरोध करने वाले नेता ज़मीनी स्तर पर अच्छी पकड़ रखते हैं. लेकिन आलाकमान उन्हें अनुशासन में रखने में नाकाम रहा है. नेतृत्व के अभाव की वजह से विरोधी गुट को अपने शीर्ष के साथ निर्देशों की अनदेखी करने का प्रोत्साहन मिला है.

आलाकमान के हाथ से कमान छूटना है वजह…
वरिष्ठ नेता जैसे मल्लिकार्जुन खड़गे और हरीश रावत जिन्हें केंद्र का दूत माना जाता है, अंसतुष्टों को ठीक करने या राज्य के क्षत्रपों से अपना वादा पूरा कराने में असफल रहे हैं. इस सबके पीछे महज एक वजह है आलाकमान के हाथ से कमान छूटना. इसका नतीजा 2017 में गोवा और मणिपुर में देखने को मिला जब भाजपा ने कांग्रेस के मुंह से उसका निवाला छीन लिया. इसी तरह मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार और कर्नाटक में जेडी (एस) के गठबंधन में बनी सरकार खुद को बचाए नहीं रख सकी.

कांग्रेस पार्टी इस वक्त उस नाव की तरह है जो बिना पतवार के बह रही है, ये पार्टी के लिए विपक्ष के तौर पर भी चिंता की बात है. ऐसे में ज़रूरी है कि कांग्रेस को अपने घर संभालने और उसकी नींव को मजबूत करने के लिए अपने नेतृत्व में सुधार लाना होगा और आलाकमान को बेलगाम होती कांग्रेस की कमान को तुरंत संभालना होगा.

CG SADHNA PLUS NEWS

Chhattisgarh News Dhamaka Team

स्टेट हेेड छत्तीसगढ साधना प्लस न्यूज ( टाटा प्ले 1138 पर ) , चीफ एडिटर - छत्तीसगढ़ न्यूज़ धमाका // प्रदेश उपाध्यक्ष, छग जर्नलिस्ट वेलफेयर यूनियन छत्तीसगढ // जिला उपाध्यक्ष प्रेस क्लब कोंडागांव ; हरिभूमि ब्यूरो चीफ जिला कोंडागांव // 18 सालो से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विश्वसनीय, सृजनात्मक व सकारात्मक पत्रकारिता में विशेष रूचि। कृषि, वन, शिक्षा; जन जागरूकता के क्षेत्र की खबरों को हमेशा प्राथमिकता। जनहित के समाचारों के लिये तत्परता व् समर्पण// जरूरतमंद अनजाने की भी मदद कर देना पहली प्राथमिकता // हमारे YOUTUBE चैनल से भी जुड़ें CG SADHNA PLUS NEW

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!