रायपुर न्यूज़ धमाका /// 12 जुलाई 2009 को मदनवाड़ा कैंप से बाहर निकले जवानों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था। जिसमें दो पुलिस कर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए थे। शहीद साथियों का शव वापस लाने की कवायद में घटना की सूचना मिलते ही तत्कालीन एसपी वीके चौबे फोर्स के साथ घटना स्थल के लिए रवाना हुए। रास्ते में ग्राम कोरकोट्टी के पास नक्सलियों ने घेर कर गोलीबारी शुरू कर दी थी। इसमें तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
इनमें 25 जवान कोरकोटि के जंगल में, 2 मदनवाड़ा में और शहीद साथियों का शव वापस लाने की कवायद में 2 जवानों की शहादत हुई थी। जांच आयोग के गठन के पीछे सरकार का तर्क था कि करीब 10 वर्ष बाद भी घटना के संबंध में सार्वजनिक महत्व के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था, घटना के 10 साल बीत जाने के बाद भी कुछ बिंदुओं पर भ्रम की स्थिति है। इसको साफ करने के लिए न्यायिक जांच होनी चाहिए।
जस्टिस श्रीवास्तव ने 2021 से इसके लिए बयान आदि लेने और उनके परीक्षण का काम शुरू किया। पिछले सप्ताह जांच का काम पूरा हो गया। उसके बाद सोमवार को अंतिम रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंप दी गई। हमले की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट मंगलवार को मुख्य सचिव अमिताभ जैन को दी गई है।
अब यह रिपोर्ट पहले कैबिनेट में रखी जाएगी। इसके बाद विधानसभा में पेश किया जाएगा। न्यायिक जांच आयोग के निष्कर्षों और सिफारिशों पर एक्शन की जिम्मेदारी अब राज्य सरकार पर है। यह पहला मौका था, जब नक्सलियों के हमले में किसी जिले के एसपी की शहादत हुई हो। इसमें एसपी समेत 25 जवान बलिदान हो गए थे। इस मामले में कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध थी इसलिए जांच हुई। यह घटना जब हुई तक मुकेश गुप्ता दुर्ग रेंज आइजी थे।
आयोग ने निम्न बिंदुओं पर जांच की है • मुठभेड़ में माओवादियों को हुए नुकसान और उनके मरने और घायल होने की जांच। • सुरक्षाबलों के जवान किन परिस्थितियों में शहीद हुए अथवा घायल हुए। • घटना से पहले, उसके दौरान और बाद के तथ्य जो उससे संबंधित हों। • सुरक्षा की निर्धारित प्रक्रियाओं और निर्देशों का पालन किया गया या नहीं। • किन परिस्थितियों में एसपी और अन्य सुरक्षाबलों को उस अभियान में भेजा गया। • क्या घटना को घटित होने से बचाया जा सकता था। • एसपी और जवानों के लिए क्या अतिरिक्त बल उपलब्ध कराया गया, अगर हां तो स्पष्ट करना है। • क्या राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों के बीच समुचित समन्वय रहा है। • घटना किन परिस्थितियों में हुई थी।