किसान नेता ने कहा- सरकारें करती है हमारा शोषण
गांव-गांव में चल रहा बैठकों का दौर
किसान आंदोलन के समर्थन में 27 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद, 28 सितंबर को राजिम में होगी महापंचायत
किसानों के नाम पर लाए गए तीन कृषि कानून से होने वाले नुकसान को छत्तीसगढ़ के किसान भी समझने लगे हैं
रायपुर न्यूज़ पूरे भारत सहित यहां के किसान भी राजनीतिक भेदभाव से हटकर चाहते हैं कि उसका अनाज पूरा पूरा समर्थन मूल्य में खरीदी हो इसलिए समर्थन मूल्य को कानूनी जामा पहनाने की मांग को लेकर किसान महापंचायत पर बल दे रहे हैं रायपुर के निकट तीर्थ स्थल राजिम में 28 सितंबर को किसान महापंचायत का विशाल आयोजन किया गया है जिसमें आस पास के सभी जिले की किसान सम्मिलित होंगे किसान महापंचायत को सफल बनाने गांव-गांव में बैठकों का दौर चल रहा है इसी बीच में आरंग तहसील के ग्राम निसदा में बड़ी संख्या में किसान एकत्रित होकर स्व स्फूर्त वाहन व्यवस्था कर बड़ी संख्या में भाग लेने का निर्णय लिया है किसान नेता पारसनाथ साहू और गजेंद्र कोसले ने कहा कि हम किसान संगठित नहीं है इसीलिए सरकारें हमारा शोषण करती है अब छत्तीसगढ़ का किसान जाग चुका है. अपने हक के लिए लड़ना शुरू कर दिया है सामूहिक एकजुटता से अब हर समस्या का समाधान संभव है किसानों के द्वारा बनाई सरकार को किसान का निर्णय मानना ही पड़ेगा. किसान नेता पारसनाथ साहू ने सभी ग्राम कि किसानों से अपील किया है किसान महापंचायत में अधिक से अधिक संख्या में भाग ले