जगदलपुर न्यूज़ धमाका /// बस्तर दशहरा मनाने से पहले शारदीय नवरात्र की अष्टमी की आधी रात निशा जात्रा विधान पूरा किया गया है। जगदलपुर के निशा जात्रा मंदिर में बस्तर राजा कमलचंद भंजदेव ने मां खमेश्वरी की पूजा कर यह रस्म अदा की। इस विधान को पूरा करने के लिए 12 बकरों की बलि दी गई। यह परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। विधान को पूरा करने के बाद राजा ने क्षेत्रवासियों की खुशहाली की कामना की।निशा जात्रा विधान को पूरा करने के लिए 12 गांव के राउत माता के लिए भोग प्रसाद तैयार किए।
राज परिवार के सदस्य महुआ तेल से प्रज्वलित विशेष मशाल की रोशनी में अनुपम चौक स्थित निशा जात्रा मंदिर पहुंचे और लगभग 1 घंटे तक तांत्रिक पूजा की। इस विधान को पूरा करने के लिए 12 बकरों की बलि देकर मिट्टी के 12 पात्रों में रक्त भरकर तांत्रिक पूजा अर्चना करने की परंपरा है।