एफआरए क्लस्टर ग्राम चारगांव एवं मयूरडोंगर में कृषि विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त त्वाधान में कृषकों, वन समिति के सदस्यों, कृषि विभाग के आरएईओ, वन बीट गार्ड एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को सुगंधित फसलों एरोमेटिक फसलों की कृषि का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
खस एवं तुलसी के रोपण के लिए भूमि की तैयारी – इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुविभागीय अधिकारी कृषि उग्रेश देवांगन द्वारा ग्रामीणों को सुगंधित फसलों की नर्सरी तैयार करने एवं उनके रोपण का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों को लेमन ग्रास, तुलसी, मुनगा, पचैली एवं पामारोसा (खस) की फसलों को वैज्ञानिक विधि से रोपित कर नर्सरी तैयार करने की विधि के संबंध में कृषकों को जानकारी दी गई। इस दौरान अधिकारियों ने आगामी पांच दिवसों में खस एवं तुलसी के रोपण के लिए भूमि की तैयारी करने के लिए ग्रामीणों को कहा गया। इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारी, पीएमयू से राजशेखर रेड्डी सहित कृषि विभाग से ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।
जिले को एरोमा हब बनाये जायेगे- एरोमेटिक कोण्डानार सुगंधित कोण्डानार अभियान के तहत् जिले को एरोमा हब के रूप में विकसित करने के लिये 1400 एकड़ की वन, कृषि एवं निजी भूमियों पर सुगंधित फसलों का उत्पादन कर जिले में 20 करोड़ की लागत से संयंत्र स्थापित करते हुए सुगंधित द्रव्यों का निर्माण जिले में किया जायेगा।
इन गांवो में भूमि तैयार की जा रही है- इन फसलों के रोपण के लिये एफआरए क्लस्टर मयूरडोंगर, करियाकाटा, चारगांव एवं गम्हरी तथा वन विभाग के अमरावती, माकड़ी, दहिकोंगा, मर्दापाल एवं मुलमुला परिक्षेत्र का चयन प्रारंभिक रूप से किया गया है। यहां पर भूमि तैयार करने का कार्य भी वर्तमान में जारी है।