बिलासपुर न्यूज़ धमाका /// हाईकोर्ट ने मीसाबंदियों के सम्मान निधि को लेकर का बड़ा फैसला दिया है. हाईकोर्ट ने रोकी गई सम्मान निधि जारी करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि राज्य सरकार ने मीसाबंदियों की दी जाने वाली सम्मान निधि पर रोक लगा दी थी. इस संबंध में 2020 में दो नोटिफिकेशन जारी हुआ था. हाईकोर्ट ने दोनों नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया है.
पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के समय में मीसाबंदियों के लिए सम्मान निधि जारी किया जाता था. भाजपा सरकार ने आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा, डीआईआर के अधीन निरूध्द व्यक्तियों को सहायता देने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 बनाया था सरकार बदलने के बाद मीसाबंदियों की सम्मान निधि पर रोक लगा दी गई थी. मीसाबंदियों को सम्मान निधि जारी करना बंद कर दिया गया था. अब हाईकोर्ट की हस्तक्षेप के बाद मीसाबंदियों को फिर से सम्मान निधि जारी किया जाएगा.
क्या है मीसा और कौन हैं मीसाबंदी – 1975 को इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगाया था. आपातकाल की घोषणा के तुरंत बाद से ही देश भर में मीसा कानून के तहत गिरफ्तारियां शुरू हो गई थी. गिरफ्तार होने वालों में छात्र नेता, मजदूर नेता, प्राध्यापक, राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता विपक्षी दलों के नेता और इंदिरा गांधी की राजनीतिक आलोचना करने वाले शामिल थे. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सहयोगियों-शुभचिंतकों के साथ ही समाजवादी विचारधारा को मानने वाले छात्रों-नौजवानों की संख्या इसमें ज्यादा थी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विद्यार्थी परिषद माकपा एवं एसएफआई से जुड़े लोगों पर भी मीसा का कहर बरपाया गया था.