![](https://chhattisgarhnewsdhamaka.com/wp-content/uploads/2021/10/bakara.jpg)
बिलासपुर न्यूज़ धमाका /// मगरपारा स्थित मरीमाई मंदिर में शुक्रवार को बकरे को बलि देने के लिए बांध कर रखा गया था. इसकी जानकारी पशुओं के लिए काम कर रही संस्था की निधि तिवारी को हुई तो वह मंदिर पहुंच गई. इस दौरान उन्होंने बलि प्रथा बंद होने की बात कहते हुए रोकने का प्रयास किया. जब उनके स्तर पर बात नहीं बनी तो वह बकरे को लेकर थाने पहुंच गई और पुलिस से शिकायत कर दी मामला पुलिस तक पहुंचने पर मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी भी हरकत में आ गए. उन्होंने मंदिर परिसर में बकरे की बलि देने की बात को नकार दिया. साथ ही बताया कि मन्नत पूरी होने पर श्रद्धालु बकरा चढ़ाने आते हैं और पूजा अर्चना कर बकरे को अपने साथ लेकर चले जाते हैं. दोनों पक्षों से चर्चा करने बाद टीआई शनिप रात्रे ने उन्हें समझाइश दी. वहीं, बकरे को एनीमल संस्था को सौंप दिया गया. मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी व पूर्व महापौर उमाशंकर जायसवाल का कहना है कि मंदिर परिसर में पिछले 5-6 साल से बलि प्रथा बंद कर दी गई है. इसके बाद भी कई श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर बकरे का चढ़ावा देने पहुंचते हैं. शुक्रवार को भी बकरे को चढ़ावा दिया जा रहा था. इस पर एनीमल संस्था ने विरोध किया और थाने में शिकायत कर दी. लेकिन अब मामला सुलझ गया है. एनिमल एनजीओ चलाने वाली निधि तिवारी का कहना है कि इस तरह से मन्नत पूरी होने के नाम पर बकरे की बलि देना गैरकानूनी है. बलि देने से देवी मां प्रसन्न नहीं होती. यह कुप्रथा और अंधविश्वास है