बिलासपुर,न्यूज़ धमाका :- बिल्हा जनपद पंचायत में फोटोकापी बिल में 590 रुपये को कांटछांट कर पांच लाख 590 रुपये व 1640 रुपये के बिल को छह लाख रुपये कर बैंक से राशि निकालने के मामले में अब तक दोषियों के खिलाफ एफआइआर नहीं हो सकी है। बिल्हा जनपद पंचायत में 30 जून 2020 को बीआरजीएफ मद के 11 लाख रुपये की गड़बड़ी हुई थी। जनपद पंचायत सीईओ बीआर वर्मा से लेकर बाबू जीआर शांडिल्य और अन्य कर्मचारियों पर शासकीय राशि गबन करने का आरोप लगा था।
मामला उजागर होने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने पिछले साल सितंबर में एफआइआर करने का आदेश दिया था। छह माह गुजरने के बाद भी अब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। जनपद पंचायत के सीईओ बीआर वर्मा का कहना है कि लिपिक को निलंबित कर विभागीय जांच कराई जा रही है।
इस मामले की शिकायत कलेक्टर से लेकर जिला पंचायत सीईओ हरिश एस से हुई थी। मामले में जिला पंचायत सीईओ ने पांच सदस्यीय टीम गठित कर जांच की। इसमें गड़बड़ी सामने आई है। फर्जीवाड़े के सारे दस्तावेज होने के बावजूद पूरे मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई।
मामले में हो रहे टालमटोल को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ हरिश एस ने पिछले साल सितंबर माह में जनपद सीईओ बीआर वर्मा को शासकीय राशि में गबन करने वालों के खिलाफ पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। छह माह बीत जाने के बाद भी अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी है। इधर, जनपद पंचायत का कहना है कि लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।