
अंबिकापुर,न्यूज़ धमाका :- आदिवासी बहुल सरगुजा अंचल को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने नई ट्रेन सेवा की घोषणा अभी हवा में ही तैर रही है और इधर संभाग के हजारों रेल यात्रियों के लिए गिनती की ट्रेन सुविधा भी धीरे-धीरे कम होती जा रही है। आज स्थिति यह है कि अंबिकापुर से अनूपपुर-कटनी जाने एक भी सुविधाजनक ट्रेन नहीं है।
संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से यात्रियों के लिए एकमात्र सुविधाजनक जबलपुर एक्सप्रेस लगातार मार्च के आखिरी दिनों से बंद है। इसके 24 मई से शुरू होने की उम्मीद भी जो अब समाप्त हो गई। रेलवे प्रबंधन ने देश भर में कोयले की ढुलाई तेज करने जिन यात्री ट्रेनों को अगले एक माह तक के लिए निरस्त किया है
उसमें अंबिकापुर-जबलपुर और जबलपुर-अंबिकापुर एक्सप्रेस ट्रेन शामिल है। इस ट्रेन के फिर से निरस्त करने को लेकर इंटरनेट मीडिया में लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना है कि इकलौती ट्रेन जो सभी के लिए सुविधाजनक है, उसे बंद करना लोगों के साथ खिलवाड़ है।
भीड़ के सीजन में ट्रेनें बंद-
दो साल तक कोरोना का संक्रमण ऐसा था कि लोग जहां थे वहीं ठहर गए। इस दौरान रेल आवागम भी बंद कर दिया गया। दो साल बाद कोरोना संक्रमण कम होने से ट्रेनों में आवाजाही अचानक बढ़ गई। इस बीच अंबिकापुर से जबलपुर एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन अचानक 29 मार्च से बंद कर दिया गया।
विवाह समारोह, परीक्षा व उपचार के लिए जाने वाले लोगों के सामने इस ट्रेन के बंद होने से मुसीबत खड़ी हो गई। वर्तमान में अंबिकापुर-अनूपपुर के बीच एकमात्र मेमू ट्रेन है जो देर शाम छूटती है लेकिन यह ट्रेन यात्रियों के लिए उतनी सुविधाजनक नहीं है।