खैरागढ़ न्यूज़ धमाका /// बीते दिनों नगर पालिका चुनाव की मतगणना के दौरान वार्ड 4 के टाई हुए मामले में रिकाऊंटिंग के बाद भाजपाइयों के हंगामें पर पुलिस में दर्ज मामले को लेकर अब सुगबुगाहट तेज हो गई है। पुलिस में सहायक निर्वाचन अधिकारी की लिखित शिकायत के बाद जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित दस लोगों के खिलाफ दस से ज्यादा धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद से आरोपी बनाए गए सभी नेता भूमिगत हो चुके हैं।
बुधवार को जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित उनके सहयोगी आयश सिंह की अग्रिम जमानत के लिए खैरागढ़ के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अवकाश में होने के चलते डोंगरगढ़ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश में मामला लगाया गया था। लेकिन डोंगरगढ़ न्यायालय ने मामला वापस कर दिया। इसके बाद अब इसके लिए खैरागढ़ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई के लिए लगाया गया है।
बताया जा रहा है कि एक जनवरी को इस मामले की सुनवाई होगी। इसमें तय होगा कि जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह को अग्रिम जमानत मिल पाएगी या नहीं। इधर मामले में पुलिस के द्वारा बनाए गए अन्य आरोपियों के लिए भी जमानत के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित भाजपाइयों के खिलाफ पुलिस ने मतगणना स्थल में जबरन प्रवेश, तोड़फोड़ और सरकारी कार्य में बाधा पहुँचाने सहित अन्य मामलों में धारा 186, 353, 147, 294, 506, 427, 188, 457 के तहत मामला दर्ज किया है। इसमें से पांच धाराएँ गैरजमानती हैं। मामला दर्ज होने के बाद से ही सिंह सहित अन्य नेता भूमिगत हो गए हैं।
जिपं उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह सहित उनके सहयोगी रहे आयश सिंह के अग्रिम जमानत को लेकर बुधवार को भाजपा की ओर से कार्यवाही शुरू की गई। स्थानीय न्यायाधीश के अवकाश पर होने के चलते डोंगरगढ़ एडीजे के पास जमानत प्रक्रिया के लिए अग्रिम कार्यवाही की गई। लेकिन डोंगरगढ़ एडीजे ने मामला वापस कर दिया। खैरागढ़ एडीजे 31 दिसंबर तक अवकाश पर हैं ऐसे में अब मामला 1 जनवरी को न्यायालय में रखा गया है। जिस पर सुनवाई होगी।
इस दौरान नेताओं के अग्रिम जमानत पर फैसला हो सकता है। बताया गया कि फिलहाल दस आरोपियों में से दो ही नेताओं के खिलाफ न्यायालय में अग्रिम जमानत की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। जबकि इस मामले में सिंह एवं आयश सिंह सहित अभिषेक सिंह, वार्ड 4 से प्रत्याशी रहे कैलाश नागरे, वार्ड 5 के प्रत्याशी रहे प्रफुल्ल ताम्रकार, अंकित अग्रवाल, किशोर सिंह, सोहन साहू, अनिल अग्रवाल, नरहर सिंह, देवा साहू के नाम शामिल हैं। फिलहाल सभी आरोपित नेता भूमिगत हैं।
मतगणना स्थल पर हुए हंगामे के बाद हालांकि पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ ही नामजद मामला दर्ज किया है। लेकिन वहां मौजूद मीडिया कर्मियों से मिले फुटेज और फोटो के बाद ही दर्जनभर से अधिक लोग अपना नाम आने के डर से अज्ञातवास पर चले गए हैं। बताया गया कि हंगामे के दौरान दर्जन भर मीडिया कर्मी मौके पर मौजूद थे। और उन्होंने विडियो भी बनाए हैं। पुलिस को इस हंगामें में और भी लोगों के शामिल होने का शक है। ऐसे लोगों को पहचान करने में पुलिस जुटी है।