कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा जिले की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य एवं सुपोषण योजनाओं के तीव्र गति से क्रियान्वयन के के लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक आहुत की गई थी। इस बैठक में संवेदना कार्यक्रम, मया मंडई, टीकाकरण, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के नवीनीकरण आदि विषयों पर चर्चा की गई। इस दौरान सर्वप्रथम संवेदना कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक केवल गंभीर एवं अति गंभीर मानसिक समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों की पहचान की गई थी। जिसे अब मध्यम एवं कम लक्षणों वाले मानसिक मरीजों तक विस्तृत करने के लिये विकासखण्ड स्तर पर सुपरवाईजर, बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं एमपीडब्ल्यू, एएनएम को भी प्रशिक्षित किया जायेगा। इस के लिए दो सप्ताह में सभी के प्रशिक्षण का कार्य पूर्ण करते हुए । इन एमपीडब्ल्यू एवं एएनएम के द्वारा ग्रामों में सर्वे अभियान चलाया जायेगा। इस सर्वे के कार्य को यूनिसेफ द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की जायेगी। सर्वे के लिये मनोविज्ञान विशेषज्ञों द्वारा तैयार प्रश्नावली के माध्यम से एएनएम घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगी।
उग्र मानसिक रोगियों के घरों तक पहुंच डाॅक्टर करेंगे ईलाज- एएनएम द्वारा किये गये सर्वे कार्य में मानसिक अवसादों, मानसिक कमजोरी, डिस्लेक्सिया आदि मानसिक रोगों के मरीजों को भी चिन्हित किया जायेगा। सर्वे के दौरान जांच की सभी जानकारी एएनएम द्वारा गोपनीय रखी जावेगी। सभी प्रशिक्षित डाॅक्टरों के द्वारा चिन्हित मरीजों की जांच कर उनका उपचार किया जायेगा। इसके लिये टेली मेडिसीन का भी प्रयोग होगा। मानसिक मरीजों के परिजनों द्वारा एक बार दवाईयां प्राप्त होने पर दोबारा दवाईयां न लिये जाने की समस्या के संबंध में निर्णय लेते हुये कलेक्टर ने हाट बाजारों में लगाये जाने वाले क्लिनिकों के द्वारा मितानिनों के माध्यम से दवाईयां घर पर ही उपलब्ध कराते हुए मितानिनों द्वारा ही मरीजों की जानकारी नियमित रूप से लेने हेतु निर्देशित किया।
सिकलसेल से पीड़ित मरीजों की पहचान के लिए होगा सर्वे-मया मंडई के अंतर्गत जिले में मलेरिया मुक्ति, एनिमिया मुक्ति, बाल स्वास्थ्य, टीकाकरण, किषोरी स्वास्थ्य, सुपोषण, माता के स्वास्थ्य, सिकलसेल जैसी बीमारियों को लक्षित कर जिले के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया जायेगा। जिसके तहत् प्रतिमाह बच्चो की स्वास्थ्य जांच के साथ उन्हे प्राप्त होने वाली दवाईंओं एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की सम्पूर्ण स्वास्थ्य रिपोर्ट तैयार की जायेगी। यूनीसेफ की सहायता से चलाये जा रहे इस कार्यक्रम अंतर्गत पूरे जिले में सिकलसेल एवं एनिमिया के मरीजो की पहचान हेतु घर घर जाकर सर्वे का कार्य किया जायेगा।
सर्पदंष के ईलाज के लिए एएनएम को दिया जायेगा प्रषिक्षण- जिले में वर्षा ़ऋतु के आगमन के साथ सर्पदंष के मामलों में बढ़ोत्तरी हो जाती है जिसे देखते हुए कलेक्टर ने सर्पदंष द्वारा होने वाली मृत्यु के मामलांे को कम करने के लिए ग्राम स्तर ऐसे क्षेत्र जहां सर्पदंष के मामले अधिक है वहां पर पदस्थ एएनएम को प्रषिक्षण देकर एंटीवेनम दवाईयां उन्हें उपलब्ध करायी जायेंगी। ताकि समय रहते व्यक्ति को इलाज प्राप्त हो सकें। इसके लिए सर्पदंष प्रभावित क्षेत्रों का मेप तैयार कर ग्रामो तक दर्वाइंयां उपलब्ध करायी जायेंगी।
सभी सीएचसी के नवीनीकरण के लिए प्रस्ताव तैयार- इस बैठक में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केेन्द्रो के नवीनीकरण हेतु चर्चा की गई। जिसमें बताया गया कि सभी सीएचसी हेतु प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इस संबंध में अतिरिक्त मांग के लिए सभी बीएमओ को एक दिन का समय भी प्रदान कर दिया गया है।
मौजूद रहे ये- इस बैठक में सीएमएचओ डाॅ. टी.आर.कुंवर, महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी एचएल राणा, सिविल सर्जन संजय बसाख, डीपीएम सोनल ध्रुव, डीएमएफटी पीएमयु से षिवा चिट्टा सहित मानसिक रोग विषेषज्ञ, सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं सीडीपीओ उपस्थित रहे।