छत्तीसगढ न्यूज धमाका। दंतेवाड़ा जिले में लगातार समर्पण और नक्सलियों की गिरफ्तारी से ग्रामीण क्षेत्रों में भी फिर से साप्ताहिक हाट बाजार बिना किसी डर के लगने लगे हैं। व्यापारी ग्रामीणों को अब बाजार में गल्ला खरीदने नक्सलियों की सीटी या आदेश की जरूरत नही पड़ती है।
दंतेवाड़ा जिले में लगातार समर्पण – नक्सलियों की गिरफ्तारी से ग्रामीण क्षेत्रों में भी फिर से साप्ताहिक हाट बाजार बिना किसी डर के लगने लगे हैं। व्यापारी ग्रामीणों को अब बाजार में गल्ला खरीदने नक्सलियों की सीटी या आदेश की जरूरत नही पड़ती है। नक्सली दहशत कम हुआ तो तेलम में भी शनिवार को लगने वाली साप्ताहिक बाजार शुरू हो गई है पर इस बाजार तक व्यापारियों को पहुंचना पड़ता है। लेकिन इस मार्ग में खतरा होने का डर रहता है।
बता दें कि- 2005 से 2019 तक बड़ेगुडरा से कटेकल्याण जाने वाली 21 किलोमीटर सड़क नक्सलियों के कब्जे में थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क के तहत 2005 में बनाई गई थी पक्की सड़क पर नलसलियों ने इस सड़क को 60 से 70 जगह काट इस रास्ते के पुल-पुलियों को तोड़ दिया था। वर्ष 2018 में तुमकपाल वर्ष 2020 में टेटम में कैंप खुलने पर जवानों ने इस सड़क को खोल दिया था। टूटी पुलियों में मिट्टी भर आवागमन भी शुरू हो गया था पर बारिश की वजह से अब इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है।
दूसरा रास्ता है 80 किमी
तेलम, टेटम साप्ताहिक बाजार जाने वाले व्यापारी अब अपनी गाड़ी में लकड़ी या लोहे के पटरा साथ रखते हैं और टूटी पुलियों को खतरे के बीच पार करते हैं। टूटी पुलिया से वाहन को पार कर रहे व्यापारी ने बताया दूसरा रास्ता तेलम पहुंचने का 80 किलोमीटर है। जबकि इस रास्ते से 15 किलोमीटर में ही तेलम पहुंच जाते हैं, लेकिन खतरा तो है पर मजबूरी में इस तरह वाहन को पार करते हैं।
टेंडर प्रक्रिया में देरी
टेंडर प्रक्रिया में देरी से नही बन पा रही सड़क, सड़क बनने सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त, सड़क की मरम्मत और टूटी पुलियों को बनने टेंडर प्रक्रिया में देरी की वजह से नक्सली चंगुल से मुक्त हुई सड़क एक बार फिर से बंद हो गई है। इसके चलते पीडीएस चावल समेत अन्य स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो गई है।