रायपुर न्यूज़ धमाका – छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है। यहां के बस्तर और सरगुजा इलाके में आदिवासी समुदाय की अलग-अलग जातियां रहती हैं। इनके रीति-रिवाज भी अलग तरह के होते हैं। सरगुजा के सूरजपुर जिले में एक पंडो जनजाति के लोग रहते हैं। इनके यहां शादी को लेकर अजीब तरह की परंपराएं है। पंडो जनजाति को विशेष संरक्षित जनजाति माना जाता है। यह लोग आज भी अपनी परंपराओं का पालन करते हैं। यहां बेटी का जन्म होने पर उत्सव मनाया जाता है। बड़ी बात ये है कि यहां बेटी की शादी के लिए पिता को कोई दहेज नहीं देना पड़ता है। यहां दहेज लड़के वाले देते हैं और उस दहेज को पूरे गांव में बांटा जाता है। दहेज की कीमत भी फिक्स होती है। इससे ज्यादा दहेज लेना और देना मना है।
जानवर की आवाज से तय होता है रिश्ता
इस समुदाय में रिश्ता एक जानवर की आवाज पर तय होता है। जब किसी लड़की की शादी तय की जाती है तो लड़के पक्ष का एक सदस्य रात में लड़की के घर में ठहरने के लिए आता है। वह पूरी रात जागता है। वह सियार की आवाज सुनने की कोशिश करता है। अगर सियार की आवाज सुनाई देती है तो रिश्ता नहीं होगा और अगर सियार की आवाज सुनाई नहीं देती है रिश्ता तय माना जाएगा और फिर बड़े ही धूमधाम के साथ शादी की जाएगी।