नई दिल्ली न्यूज़ धमाका /// छत्तीसगढ़ की राजनीति में पिछले 5 माह से राजनीतिक उठापटक के बीच पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरी झंडी दे दी है कि अब छत्तीसगढ़ में सत्ता हस्तांतरण हो जाना चाहिए। सनद रहे कि छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा के चुनाव में जब कांग्रेस भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करी थी, तब राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और जब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री को लेकर सप्ताहभर तक असमंजस की स्थिति बनी रही कि मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए तो यह तय हुआ था कि भूपेश एवं टीएस आधे-आधे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे और बगैर कोई उठापटक के बीच शुरू के तो 1 साल तक सरकार ठीकठाक चलती रही।आये दिन कांग्रेस पार्टी के अंदर अंतरविरोध के स्वर सुनाई देने लगे। बावजूद टीएस सिंहदेव अनुशासित रहकर पार्टी हाईकमान के अधिकृत आदेश का इंतजार करते रहे।बताया जा रहा है कि इनके इसी धैर्य का इनाम मुख्यमंत्री के तौर सोनिया गांधी देने जा रहीं हैं। इन खबरों के बीच छत्तीसगढ़ कांग्रेस में एवं पूरे प्रदेश में उत्साह की लहर है।
इस बार विकास उपाध्याय एवं शैलेश पांडेय जैसे युवा और ऊर्जावान चेहरे का शामिल होना तय है। वहीं कई बार के विधायक व पूर्व मंत्री जो भूपेश सरकार में हशिये पर रहे सत्यानारायण जैसे अनुभवी नेताओं को मौका देकर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में दोबारा सत्ता में वापसी करने के रास्ता निकालेगी। वहीं बताया जा रहा है कि बस्तर से भूपेश सरकार में मुखर रहे कवासी लखमा जैसे मंित्रयों की विदाई तय मानी जा रही है। कांग्रेस सरकार में एक मात्र मुस्लिम मंत्री मोहम्मद अकबर के टीएस मंत्रीमंडल में बने रहने की पूरी संभावना है।