मुआवजे के लिए इस तरह से करना होगा आवेदन
मुआवजे के लिए परिवार को कलेक्टोरेट में बनाए गए एक काउंटर में आवेदन देना होगा। इस आवेदन के साथ कोरोना से हुई मौत का प्रूफ यानी मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा। मुआवजे की राशि पाने के लिए परिवार के सदस्य की मौत का कारण कोविड प्रमाणित करना होगा। मौतों को कोरोना संक्रमित तभी मान्य होगा जब पहले मरीज का आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन किया टेस्ट हो और डॉक्टरों ने कोरोनावायरस की पुष्टि की हो।
जगदलपुर न्यूज़ कोरोना संक्रमण के चलते अब लोगों को मौत हुई उनके परिजनों को आने वाले दिनों में 50-50 हजार रूपए सहायता के रूप में दिए जाएंगे। केंद्र सरकार के द्वारा दिए जाने वाली यह सहायता राशि जल्द से जल्द लोगों को मिले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए जहां आवेदन जमा करने के लिए कलेक्टोरेट में अलग से एक काउंटर खोले जाने की योजना बनाई गई तो वहीं प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने के लिए चार सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया जा रहा है जो अब अंतिम चरण में है।अब तक बस्तर जिले में कोरोना के चलते 254 लोगों की मौत हो चुकी है। आने वाले दिनों में इन मृतकों के परिजनों को 50 हजार रूपए के मान से 1 करोड़ 27 लाख रूपए दिए जाएंगे। मृतकों के परिजनों को यह पैसे जल्द से जल्द मिले इस संबंध में राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को गाइडलाइन जारी किया है। राज्य सरकार ने अपने पत्र में कोरोना के कारण जिले में मृत व्यक्तियों के परिजनों, आश्रितों को अनुदान सहायता राशि देने के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं।सीएमएचओ डॉ डी राजन ने कहा कि सहायता राशि जल्द से जल्द लोगाें को मिले इसके लिए योजना बनाई गई है जल्द ही यह काम शुरू किया जाएगा। केवल इनकाे मिलेगा लाभ इस योजना का: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगर किसी की मौत कोरोना पॉजिटिव होने के 30 दिन के भीतर हुई हो, उसे कोविड डेथ की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। इसके साथ वे मरीज शामिल होंगे जो एक बार कोरोना से पीड़ित हुए हों और वे स्वस्थ नहीं हो पाए और उनकी मृत्यु अस्पताल में या घर पर हो गई हो।जिनके डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है, उनके परिजनों को इसका लाभ मिलेगा। कोरोना पॉजिटिव मरीज ने अगर डिप्रेशन में आकर आत्महत्या की है या किसी हादसे में उनकी मौत हो जाती है तो उसे कोरोना से हुई मौत नहीं माना जाएगा। उनके परिजनों को मुआवजे का लाभ नहीं मिलेगा।मृतक के संबंधित परिवार निर्धारित आवेदन के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत करेंगे। आवेदक के पास सीडीएसी द्वारा जारी कोविड-19 से मृत्यु के संबंधित आधिकारिक प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन मृत व्यक्तियों के निकटतम संबंधी या आवेदक को अनुदान राशि डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) की प्रक्रिया के माध्यम से दिया जाएगा अनुदान सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया सरल तथा आवश्यक दस्तावेज जमा करने के 30 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी। सहायता राशि लेने के लिए आवेदक को मृतक की मौत का सर्टिफिकेट , अपना आधार कार्ड और बैंक एकाउंट नंबर देना होगा।सुप्रीम कोर्ट ने मौत और डेथ सर्टिफिकेट से संबंधित विवाद सुलझाने के लिए एक कमिटी बनाने का निर्देश दिया था। बस्तर जिले में इस कमेटी को बनाने के लिए योजना बनाई गई है। इस कमेटी में अतिरिक्त कलेक्टर , सीएमएचओ ,किसी मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल या मेडिसिन डिपार्टमेंट का प्रमुख तथा एक स्पेशलिस्ट शामिल होंगे। यह समिति कोरोना से होने वाली मौत के प्रमाण पत्र जारी करेगी।