कोंडागांव न्यूज़ कल सर्व आदिवासी समाज द्वारा कराये गये चक्का जाम में जुडवां षिषु भी लगभग 6 घ्ंाटे तक फंसे रहे। इनके माता पिता एक बस में इन बच्चों के साथ सफर कर रहे थे पर बस मालिकों व चालकों और आम जनता को पता नहीं होने से वे इस मुसीबत में उलझ गये। दिनभर चक्का जाम का इंतजार करने के बाद जब चक्का जाम खुला तो उनके माता पिता ने राहत की सांस ली। बता दें सोमवार को सर्व आदिवासी समाज ने अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर एक बडे बंद का आयोजन किया था।
पूरी तरह से शांतिपूर्ण था चक्का जाम
हालांकि बंद पूरी तरह से षांतिपूण्र रहा पर यात्री वाहनों में कई ऐसे लोग फंस गये जिनके साथ एमरजंेसी थी। इसी का एक उदाहरण बस स्टैण्ड कोण्डागांव में सामने आया। नगर के एक व्यवसायी जीतू भाई गोलछा ने बताया कि वे उस बस में इन लोगों से मिलने गये थे। बंद कोई भी संगठन करे उसके परिणाम आम जनता को परेषानी में डालते है। बंद के दौरान दवाई व सब्जी दुकानों को छोड कर सारी दुकानें बंद थी। जिससे यात्री बसों में सवार महिला और बच्चों को परेषानी का सामना करना पडा। सर्व आदिवासी समाज का बंद काफी प्रभावषाली रहा जिसमें सुबह लगभग 9 बजे से देर सांय पांच बजे तक पूरी तरह से सब कुछ बंद रहा। आमतौर पर बंद दूसरे पहर खुल जाता है पर सर्व आदिवासी समाज का बंद काफी असरदार रहा।